आधारभूत समाज का निर्माण करने वाले शिक्षक ही निकलने फर्जी..

Jharkhand: शिक्षक देश का वह हिस्सा है जो एक उच्च समाज का गठन करता है। ग्रंथों में गुरु का दर्जा भगवान से भी ऊपर बताया गया है। जब गुरु ही ज्ञानी ना हो तब किस तरह समाज का निर्माण किया जा सकता है। झारखंड में फर्जी सर्टिफिकेट पर गिरिडीह में 225 पारा शिक्ष (सहायक अध्यापक) नौकरी कर रहे है। उनके प्रमाण पत्रों की जांच के बाद इसका खुलासा हुआ है। उन्हें सेवा से हटाने के लिए गिरिडीह जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार ने निर्देश दे दिया है। पूर्व में भी गिरिडीह के 60 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए थे जिन्हें सेवा से हटाने का निर्देश स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने दिया था।

संस्थानों से जारी सर्टिफिकेट वैध नहीं हैं….
गिरिडीह जिले के 225 पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद, प्रयाग महिला विद्यापीठ इलाहाबाद, भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ, गुरुकुल विश्वविद्यालय वृंदावन, मथुरा से निर्गत हैं। इसकी जांच की जा रही थी । वेरिफिकेशन के बाद उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया कि इन संस्थानों से जारी सर्टिफिकेट वैध नहीं हैं। उसके आधार पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इन पर शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र में संस्थान की मान्यता को लेकर अप्रैल से ही मानदेय भुगतान पर रोक लगी हुई थी, वहीं एक अगस्त 2023 के प्रभाव से इन्हें सेवा से हटाने का निर्देश जारी किया गया है।

285 पारा शिक्षक गलत प्रमाणपत्रों से है बहाल ….
झारखंड में सबसे ज्यादा गिरिडीह में 285 पारा शिक्षक गलत प्रमाणपत्रों में बहाल पाए गये। वहीं, कोडरमा में 51, रांची में 26, रामगढ़, हजारीबाग में 20-20, साहिबगंज में 18, देवघर – पाकुड़ में 17-17, बोकारो में 14, पूर्वी सिंहभूम में 13, गढ़वा-लोहरदगा में 11-11 और सरायकेला-खरसावां में 10 पारा शिक्षक गलत सर्टिफिकेट पर बहाल हैं। इसके अलावा लातेहार मे नौ, पलामू में आठ, धनबाद में सात, चतरा-खूंटी में छह-छह, दुमका- गुमला – पश्चिमी सिंहभूम में चार-चार पारा शिक्षक गलत सर्टिफिकेट में काम करते पाए गए हैं।

30 पारा शिक्षकों ने दिया इस्तीफा…
फर्जी पाए गए शिक्षकों के मैट्रिक, इंटर, स्नातक या फिर प्रशिक्षण (बीएड- डीएलएड) का सर्टिफिकेट फर्जी है। वहीं, सर्टिफिकेट जांच के दौरान ही 30 पारा शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया। इनके अलावा 59 पारा शिक्षा अनैतिक रूप से बहाल थे और 12 पर क्रिमिनल केस थे। ऐसे सभी शिक्षकों को हटाने का निर्देश दिया गया है।