रांची: कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों की आर्थिक स्थिति बिगाड़ दी है। यात्री बस परिचालन से जुड़े 50 हजार परिवार के सामने भुखमरी की स्थिति हो गई है। राज्य सरकार ने भी कोरोना के कारण स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लगाने का निर्णय लिया है। जिसके कारण डेढ़ माह से बसों के परिचालन पर रोक लगी हुई है। इसकी वजह से इस रोजगार से जुड़े सभी लोगों को भरपेट भोजन भी नहीं मिल पा रहा है।
राज्य सरकार ने 1 जुलाई तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को बढ़ा दिया है। सरकार बसों को अभी चलाना नहीं चाहती।जिसके कारण बस चालकों में नाराज़गी दिख रही है। वहीं अब इसको लेकर झारखंड प्रदेश बस ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह ने कहा है कि सरकार बस चालकों के हित में ठोस निर्णय ले ताकि इससे जुड़े लोगों को रोजगार मिल सके।
सरकार बसों का परिचालन शुरू करे नहीं तो बसों की चाभी भी ले ले।इससे जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। कई लोग भुखमरी के कगार पर आ गए है। बस मालिकों के बैंक का कर्जा बढ़ता जा रहा है। टैक्स भी नहीं दे पा रहे है । इंश्योरेंस भी फेल हो चुका है। जिससे बसों की नीलामी की स्थिति अब बनती दिख रही है।
AIMTC के आह्वान पर पूरे देश में 28 जून को बस चालक काला दिवस मनाएंगे। झारखंड प्रदेश भी इसमें साथ देगा।