गरीबी में झारखंड की आबादी देश में दूसरे स्थान पर है। झारखंड उन तीन राज्यों में शामिल है, जहां सबसे अधिक गरीबी है। यहां की 42.16% आबादी अपना जीवन गरीबी में बिता रही है। गरीबी में झारखंड से आगे बस एक राज्य बिहार है। इसका खुलासा नीति आयोग की ओर से जारी पहली बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश देश के TOP-3 निर्धन राज्यों में शामिल है।
झारखंड में सबसे ज्यादा गरीब जिलों की बात करें तो इसमें शीर्ष पर चतरा है। यहां की 60.74% आबादी गीरब है। जबकि सबसे कम गरीब जिला पूर्वी सिंहभूम है जहां मात्र 23.99% आबादी गरीब है। वहीं राज्य के TOP-3 गरीब जिलों में चतरा के अलावा पाकुड़(60.66) और पश्चिमी सिंहभूम (57.60) सबसे ज्यादा गरीब जिला है।
जारी रिपोर्ट की माने तो केवल गरीबी ही नहीं, कुपोषण(Malnutrition) भी इस राज्य की पहचान बनते जा रही है। यह रिर्पोट कहती है कि झारखंड की लगभग आधी आबादी यानि 4216 प्रतिशत लोग गरीब हैं। वहीं राज्य के चौबीस जिलों में एक धनबाद भी इन समस्याओं से बुरी तरह से परेशान है। जबकि इस जिले की पहचान ही ब्लैक डायमंड यानि कोयला नगरी के रूप में है।
बिहार के बाद झारखंड में सबसे अधिक कुपोषण
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के अनुसार भले ही झारखंड में ब’चों के पोषण में सुधार हुआ है, लेकिन नीति आयोग की रिपोर्ट यह कहती है कि बिहार के बाद झारखंड में सबसे अधिक कुपोषण है। कुपोषण में झारखंड के बाद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है। वहीं, स्व’छता से वंचित आबादी के मामले में झारखंड की रैंकिंग सबसे खराब है।
रांची में 27.70 % लोग गरीब
वहीं बात करें राज्य की राजधानी को तो यहां के 27.70% आबादी गरीबी रेखा के नीचे हैं। जबकि जमशेदपुर में मात्र 23.99% आबादी ही गरीब की श्रेणी में शामिल हैं। वहीं धनबाद में 28.57% लोग गरीब हैं।
देश के इन राज्यों में है सबसे कम गरीबी
जिन राज्यों में सबसे कम गरीबी है, उनमें केरल (0.71 प्रतिशत) शीर्ष पर है। इसके बाद गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) का स्थान है।