रांची नगर निगम जारी करेगा 200 करोड़ रुपये का म्युनिसिपल बॉन्ड..

शेयर बाजार की लिस्ट में जल्द रांची नगर निगम का भी नाम शामिल होने जा रहा है| रांची नगर निगम 200 करोड़ रुपये का म्युनिसिपल बॉन्ड लेकर आएगा जिसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कराया जाएगा। निगम की ओर से इसे लेकर कवायद शुरू कर दी गई है। इसे लेकर रांची नगर निगम के नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग के साथ एक राउंड की बैठक कर ली है। अब जल्दी ही अगली बैठक में ये तय कर लिया जाएगा कि इस बॉन्ड को लेकर ब्याज दर कितनी होगी तथा बॉन्ड की कीमत क्या होंगे।

नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पांच महीने के भीतर रांची नगर निगम का बॉन्ड जारी कर दिया जाएगा। सेबी द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार म्युनिसिपल बॉन्ड जारी कर सकता है। बॉन्ड जारी करने को लेकर नगर निगम के अधिकारियों की एके कैपिटल नामक एजेंसी से बातचीत चल रही है। एजेंसी के साथ नगर निगम के अधिकारी दो बार बैठक कर चुके हैं। एजेंसी के साथ बैठक करने के बाद ही नगर निगम ये तय करेगा कि कितने-कितने रुपये के बॉन्ड होंगे और इसकी ब्याज दर क्या रखी जाए।

नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि इस बॉन्ड के जरिए नगर निगम मार्केट से 200 करोड़ रुपये जुटाएगा| इस राशि का इस्तेमाल निगम अपनी संपत्ति बनाने और नागरिक सुविधाओं में इजाफा करने में खर्च करेगा। इसके तहत शॉपिंग मॉल का निर्माण किया जाएगा| वहीं पार्किंग की सुविधा और यातायात को सुगम बनाने के लिए पार्किंग स्लॉट तैयार किए जाएंगे|

रेटिंग के लिए क्रिसिल से चल रही बात
बॉन्ड जारी करने के लिए रांची नगर निगम की नए सिरे से रेटिंग कराई जाएगी। नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि रेटिंग के लिए क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल से बात चल रही है। अधिकारियों के के साथ बैठक कर ये तय किया जाएगा कि रेटिंग किस एजेंसी से कराई जाए। कुछ लोग फिच से भी रेटिंग तय कराने की राय दे रहे हैं। वर्तमान में रांची नगर निगम की रेटिंग ट्रिपल बी है। अगर नए सिरे से रेटिंग होती है तो रांची नगर निगम की रेटिंग बढ़ेगी, क्योंकि उसकी आमदनी में इजाफा हुआ है।

केंद्र सरकार से मिलेंगे 26 करोड़ रुपये
बॉन्ड जारी करने के कई और लाभ भी रांची नगर निगम को मिल सकते हैं| अगर निगम 200 करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी करता है तो उसे केंद्र सरकार से 26 करोड़ रुपये मिलेगा। इस तरह शहर के विकास के लिए केंद्र सरकार की ओर से 26 करोड़ रुपये मिलेंगे। दरअसल, केंद्र सरकार की यह नीति है कि वह 100 करोड़ रुपये के म्युनिसिपल बॉन्ड पर नगर निगम को 13 करोड़ रुपये जारी करती है।

क्या होते हैं म्युनिसिपल बॉन्ड
म्युनिसिपल बॉन्ड एक तरह का लेटर ऑफ क्रेडिट है, इसमें आम लोगों या संस्थाओं से पैसे जुटाए जाते हैं। जो संस्था बॉन्ड जारी करती है वो एक निश्चित समय के लिए लोगों से रकम उधार लेती है और निश्चित रिटर्न के साथ पैसे वापस करने की गारंटी देती है। इसी तरह नगर निकाय नगर निगम बॉन्ड जारी करते हैं। इस बॉन्ड से मिलने वाली राशि को शहर में विकास के कार्यों में खर्च किया जाता है। चूंकि इन कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर फंड की जरूरत होती है, ऐसे में नगर निगम सरकार से लोन लेने के बजाय बॉन्ड के जरिए पैसे उठाती है।

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वर्ष 2015 में शहरी नगर निकायों को नगर निगम या म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करने की अनुमति दी थी। सेबी द्वारा जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक सिर्फ वही शहरी नगर निकाय या नगर निगम बॉन्ड जारी कर सकते हैं, जिनकी आमदनी लगातार पिछले 3 साल तक धनात्मक रही हो। इनका पिछले एक साल में कोई लोन डिफाल्टर ना हुआ हो। इसके अलावा रेटिंग कम से कम ट्रिपल बी या इससे ज्यादा होनी चाहिए।

निवेशकों को इनकम टैक्स में मिलता है छूट
अगर कोई व्यक्ति म्युनिसिपल बॉन्ड में निवेश करता है तो उसे ना सिर्फ लंबे समय में एक निर्धारित रिटर्न है बल्कि इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है। क्योंकि एजेंसियों से निकायों की रेटिंग जारी होती है, इसलिए इन्हें सुरक्षित निवेश भी माना जाता है। लोग सीधे नगर निगम या बैंक से बॉन्ड खरीद सकते हैं।

11 नगर निगम जारी कर चुके हैं बॉन्ड
अब तक देश के 11 नगर निगम म्युनिसिपल बॉन्ड जारी कर चुके हैं। इन नगर निगमों में लखनऊ, अमरावती, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, कोलकाता, सूरत, भोपाल, इंदौर, पुणे, वाराणसी, गाजियाबाद, हैदराबाद आदि शामिल हैं। इसी कड़ी में जल्द रांची का नाम भी शामिल होने जा रहा है|