झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को चंदनकियारी से BJP के विधायक और पूर्व मंत्री अमर बाउरी बिलखते हुए बाहर निकले। उन्होंने रोते हुए स्पीकर पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दलित समुदाय से आता हूं, इसलिए स्पीकर ने मेरा कार्य स्थगन प्रस्ताव नहीं पढ़ा। उन्होंने नोटिस तक नहीं किया। सीधा खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि आसन कभी इस तरह से व्यवहार नहीं करता है, जिस तरह से पक्षपाती व्यवहार मेरे साथ किया गया है। दु:खद है। ये बाबा साहब के सपनों को तोड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि ये भावना के आंसू हैं। आंसू निकल रहे हैं तो कमजोर नहीं समझें। अमर बाउरी कमजोर नहीं है। इस लड़ाई को अंबेडकर जी के नाम पर लड़ेंगे। अपने हक अधिकार को लेंगे।
विधायक के अधिकार से कर रहा था मांग..
अमर बाउरी ने कहा कि एक विधायक के अधिकार से कार्य स्थगन को पढ़ने की मांग कर रहा था। स्पीकर से कहते रहा मेरे कार्य स्थगन को पढ़िए। नियमावली भी दिखाया। वहां कोई पक्ष-विपक्ष का भेदभाव नहीं होता है, लेकिन स्पीकर सर नहीं बोलने दिए। आखिर तक उन्होंने नहीं बोलने दिया। उन्होंने कहा कि स्पीकर बाबा साहब के संविधान का अनादर लगातार कर रहे हैं। विधानसभा को उपयोग का केंद्र बना रहे हैं।
लाठीचार्ज के मुद्दे पर लाया था कार्य स्थगन..
उन्होंने कहा कि बुधवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के मुद्दे पर कार्य स्थगन लाया था। उन्होंने बताया कि पार्टी नेताओं को जान से मारने की कोशिश की गई थी। प्रदेश अध्यक्ष को गंभीर चोट आई है। इसकी न्यायिक जांच की मांग को लेकर कार्य स्थगन लाया था।
पूर्व स्पीकर का आरोप- दलित विधायक को बोलने नहीं दिया जा रहा..
वहीं, रांची से BJP विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जब हम विधानसभा अध्यक्ष थे, तब विपक्ष को ज्यादा से ज्यादा बोलने का मौका देते थे, लेकिन महागठबंधन की सरकार में हमारे दलित विधायक को बोलने नहीं दिया गया, जो सरासर गलत है।