अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए जारी किये गए मापदंड..

छात्रवृति घोटाला उजागर होने के बाद इसकी पुनरावृति रोकने के लिए झारखण्ड सरकार ने वित्त वर्ष 2020-2021 के दौरान सभी संस्थानों और छात्रों के आवेदनों का भौतिक सत्यापन करने का आदेश उपायुक्तों को दिया है। इस आदेश का पालन सही से हो, इसके लिए सरकार ने 17 मापदंड निर्धारित किये हैं। इसकी पूर्ति के बाद अल्पसंख्यक छात्रवृति दी जाएगी। इससे सम्बंधित सचिव डॉ. अमिताभ कौशल ने राज्य के सभी उपायुक्त को आदेश जारी की है।

सत्यापन में फ़र्ज़ी पाए गए शिक्षण संस्थानों से पूर्व में जारी छात्रवृति की वसूली भी की जाएगी
जिन संस्थानों के कागज़ाद नकली पाए गए, उनके आधार पर मिले सभी छात्रों के आवेदन को फ़र्ज़ी मानकर रद्द कर दिया जाएगा। इनकी भौतिक सत्यापन करने की भी आवश्यकता नहीं होगी। केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय से संचालित तीनों छात्रवृति योजना प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और राष्ट्रीय साधन सह योजना में सरकारी राशि गबन के सम्बन्ध में एसीबी से जाँच कराये जाने का फैसला लिया गया है। वर्त्तमान वर्ष के लिए इन योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त सभी आवेदन और सम्बंधित संस्थानों का भौतिक सत्यापन 15 दिसंबर तक होगी।

इस भौतिक सत्यापन में संस्थानों में छात्रों की हॉस्टल सुविधा के लिए आवेदन को भी जांचा जाएगा। यदि छात्र ने हॉस्टल के लिए आवेदन दिया होगा तो हॉस्टल रूम की उपलब्धि को जांचा जाएगा। छात्र से सम्बंधित संस्थानों के नामौजूदगी या अयोग्य पाने पर उसे पूर्व में भुगतान की गई छात्रवृति वसूली की जाएगी। सत्यापन में यह भी जांचा जाएगा की संस्थानों के दिए गए दस्तावेज़ के अनुसार उसकी भौतिक स्थिति कैसी है। यदि स्थिति कागज़ाद के अनुरूप नहीं पाई गई तो उनसे सम्बंधित पंचीकरण खारिज कर दिया जाएगा। साथ ही आवेदन को भी खारिज कर दिया जाएगा। इसके बाद पंचीकरण रद्द करने के साथ ही पूर्व वर्षों में भुगतान की गई छात्रवृति की राशि भी वसूली जाएगी। सम्बंधित संस्थानों सहित उनके कागज़ाद के वक़्त यह भी देखा जाएगा कि यू-डीआईएसई कोड सही हो। इस जांच से सम्बंधित सभी जानकारी जिला शिक्षा अधीक्षक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के रिकॉर्ड से होगा।

साथ ही संस्थान एवं छात्रवृत्ति के आवेदनों का भौतिक सत्यापन करने हेतु पर्याप्त संख्या में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होगी। वह जिला कल्याण पदाधिकारी को स्पष्ट अनुशंसा देंगे। इसके आधार पर डीईओ पोर्टल पर छात्रवृत्ति के आवेदन को सत्यापित करेंगे।
डीईओ के सत्यापन का पर्यवेक्षण जिले के किसी वरीय पदाधिकारी द्वारा होगा। कोविड-19 के कारण हॉस्टल संचालन पर रोक है। यदि इसका उलंघन पाया गया तो अनुपालन नहीं करने वाले खुले मिले हॉस्टल वाले संस्थानों का आवेदन भी रद्द कर दिया जाएगा। संस्थान स्तर पर सत्यापन या पहला सत्यापन नहीं होने की स्थिति में भी जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना है।