झारखंड के करीब 25 लाख लाभुकों को वन नेशन वन राशन के तहत लाभ नहीं मिल पा रहा है | ये ऐसे लाभुक हैं जिनका कार्ड अभी तक आधार नंबर से लिंक नहीं कराया गया है | इन लाभुकों में बड़ी संख्या प्रवासी मजदूरों की है जो दूसरे राज्य में काम कर रहे थे | लेकिन अब वो वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत राशन उठाना चाहते हैं | ऐसे प्रवासी श्रमिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है | आपको बता दें कि अभी तक राज्य से पलायन हुए लाखों श्रमिकों में से सिर्फ सौ लोगों को ही इस योजना का लाभ मिल पाया है |
वहीं , खाद्य-आपूर्ति विभाग ने बताया है कि ये ऐसे लाभुक हैं जिन्हें खुद अपना आधार नंबर कार्ड के साथ लिंक करना है | इस मामले में विभागीय निदेशक डी तिर्की बताते हैं कि राज्य में आधार सिडिंग का काम चल रहा है | इनमें अधिकतर ऐसे लोग हैं जिनके पास गलत कार्ड, नाम व आधार संख्या है,इस वजह से इनका आधार सीड भी नहीं हो पा रहा है | आगे उन्होंने बताया कि अभी करीब 70 प्रतिशत से अधिक लोगों का आधार लिंक किया जा चुका है | अधिकांश जो लोग गलत तरीके से राशन ले रहे थे | खासकर उन्हें ही परेशानी हो रही है |
दरअसल ,कोरोना काल में बायोमैट्रिक सिस्टम से राशन देना बंद कर दिया गया था | पहले ऑफलाइन राशन दिया जा रहा था | इस वजह से लोगों को आधार लिंक की समस्या नहीं आ रही थी | लेकिन जैसे ही बायोमैट्रिक सिस्टम से लाभुकों को ऑनलाइन राशन दिया जाने लगा उसके बाद से इस समस्या का सामना लोगों को करना पड़ रहा है |हालांकि , विभाग ने साफ़ कहा है कि बिना बायोमैट्रिक के किसी को अनाज नहीं दिया जाएगा | लाभुकों को अपना बायोमैट्रिक सिस्टम के लिए आधार संख्या को अपडेट करने को निर्देश दिया गया है | इसके बाद ही राशन दुकानों से लाभुकों को राशन मिल पाएगा | आपको बता दें कि आधार संख्या के आधार पर ही लाभुक के मोबाइल पर संदेश आता है और उसी पॉश मशीन से राशन मिलता है | यह इसलिए भी जरूरी किया गया है ताकि सही लाभुकों को उसके हक का राशन मिल सके | वहीं , इसमें फर्जीवाड़े को पूरी तरह से रोका जा सके |