वनाधिकार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन..

Jharkhand:खरसावां विधायक दशरथ गागराई के नेतृत्व में ग्राम सभा मंच व झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर वनाधिकार के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा। सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया कि संपूर्ण झारखंड में कुल 57 ग्राम सभाओं को वनाधिकार कानून 2006 तहत विधि विरुद्ध वनाधिकार प्रमाणपत्र निर्गत किया गया था। विधिसम्मत वनाधिकार प्रमाणपत्र निर्गत किए जाने को लेकर ग्राम सभाएं तथा झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन ने त्रुटियों के निराकरण के लिये मुख्यमंत्री सचिवालय को 20 फरवरी 2021 को आवेदन दिया गया था, परंतु अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ज्ञापन में सीएम का ध्यान आकृष्ट कराया ….
वनाधिकार कानून 2006 को जमीन पर त्वरित गति के साथ लागू कराने पर जोर दिया जाये तथा प्रत्येक जिले में शिविर लगाकर वनाधिकार प्रमाणपत्र निर्गत किया जाये। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बताया गया कि सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, रांची, रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग, सिमडेगा, लोहरदगा, लतेहार तथा चतरा जिला में करीब करीब 3-4 हजार वनाधिकार का सामुदायिक दावा पत्र लंबित है। लंबित मामलों का निष्पादन त्वरित गति से करने की मांग की गयी।

विधिसम्मत कार्रवाई का दिया भरोसा …
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन्हें विधिसम्मत कार्रवाई का भरोसा दिया है। इस दौरान मुख्यमंत्री से सीएनटी-एसपीटी एक्ट आंदोलन के दौरान संबंधित वादों का भी जल्द से जल्द निष्पादन करने की मांग की गयी।
खरसावां के सुरु जलाशय योजना के विस्थापित परिवार के सदस्य विधायक दशरथ गागराई के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिल कर ज्ञापन सौंपा। सौंपे गये ज्ञापन में सुरु जलाशय योजना के तीन डूब गांव (विस्थापित गांव) रेयाड़दा, लखनडीह और राजेमा के विस्थापित परिवारों को विस्थापितों नीति-2012 के तहत विस्थापितों को लाभ देने की मांग की गयी।

2012 के पुनर्वास नीति के तहत नाम दर्ज हो….
मुख्यमंत्री से एक सितंबर 1983 के भू-अर्जन चाईबासा के खतियान के आधार पर जनसंख्या बढ़ोतरी परिवारों को पुनर्वास सर्वेक्षण कर 2012 के पुनर्वास नीति के तहत नाम दर्ज कराने, विकास पुस्तिका उपलब्ध करा मुआवजा और जमीन देने, भू अर्जन चाईबासा के अधिसूचना की तिथि एक सितंबर 1983 के आधार पर अधिग्रहण किये गये जमीन और घर की राशि भुगतान करने, विस्थापित को हुंडांगदा मौजा में दिखाये गये जमीन की प्लॉटिंग कर विस्थापित परिवारों को आवंटित करने, पुनर्वास स्थल पर विद्यालय, सड़क, तालाब, बिजली, पेयजल, आंगनबाड़ी केंद्र, धार्मिक पूजा स्थल, श्मशान घाट, सामुदायिक भवन जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की। ज्ञापन सौंपेन वालों में मुख्य रूप से अमर सिंह हांसदा, राजेन लौहार, सुदन मुंडा, सोयना सरदार, रामाय मुंडा, राम चंद्र लौहार आदि उपस्थित थे।

कोल्हान आवासीय विद्यालय निर्माण कार्य जल्द हो शुरू …..
खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने कोल्हान आवासीय विद्यालय का जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की। विधायक दशरथ गागराई ने गुरुवार को विधानसभा में उस मामले को शून्य काल के दौरान उठाते हुए कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिला के खूंटपानी अंचल के मेजोडिंबा में नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर कोल्हान आवासीय विद्यालय के निर्माण हेतु स्थल चयन किया गया था। उन्होंने कहा कि मैं सदन के माध्यम से सरकार से कोल्हान आवासीय विद्यालय के निर्माण जल्द शुरू कराने की मांग करता हूँ।

लंबित वनाधिकार कानून 2006 करे लागू…
खरसावां विधायक दशरथ गागराई के नेतृत्व में ग्राम सभा मंच व झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला। 57 ग्राम सभाओं को वनाधिकार कानून 2006 के तहत विधि विरुद्ध वनाधिकार प्रमाणपत्र जारी किया गया था। मुख्यमंत्री सचिवालय को 20 फरवरी 2021 को आवेदन दिया गया था, परंतु अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 3-4 हजार वनाधिकार का सामुदायिक दावा पत्र लंबित वनाधिकार कानून 2006 को जमीन पर त्वरित गति के साथ लागू करे।

सोरेन को सौंपा ज्ञापन ….
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन्हें विधिसम्मत कार्रवाई का भरोसा दिया है।मुख्यमंत्री से सीएनटी-एसपीटी एक्ट आंदोलन के दौरान संबंधित वादों का भी जल्द निष्पादन करने की मांग की गयी। सीएम से पुनर्वास नीति-2012 के तहत विस्थापितों को लाभ देने की मांग खरसावां के सुरु जलाशय योजना के विस्थापित परिवारों ने सीएम हेमंत सोरेन को ज्ञापन सौंपा।