आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ जुड़ सकते झारखंड के कई स्कूल कॉलेज..

Jhupdate: झारखंड के एजुकेशन सेक्टर को और मजबूत बनाने के लिए कई प्रयास किया जा रहे हैं राजधानी रांची और रामगढ़ में क्रेटाइल (CRETILE) की ओर से कई सेमिनार का आयोजन किया गया था आयोजित सेमिनार में शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते एआई के हस्तक्षेप पर विस्तार से जानकारी दी. रामगढ़ के राधा गोविंद विश्वविद्यालय तथा रांची के कई स्कूलों में सेमिनार का आयोजन किया गया था। आयोजन के विशिष्ट अतिथि वक्ता सिविल सेवा कोच राकेश कुमार झा ने स्कूल- कॉलेजों की शिक्षा में एआई की भूमिका के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश-विदेश के दो हजार से अधिक स्कूलों में मेकर इन मी टेक्नोलॉजीज कंपनी ने एआई एंड रोबोटिक्स लैब्स की स्थापना की है चुकी है। कंपनी के निदेशकों हरीश रावलानी और पराग गुल्हाने का कहना है कि हम अपने इनोवेटिव किट का इस्तेमाल करके स्टूडेंट्स को मॉड्यूलर इलेक्ट्रॉनिक्स, कोडिंग, ब्लॉक प्रोग्रामिंग तर्क आधारित समाधान और अन्य तकनीक के बारे में शिक्षित करते है।

टॉप-25 स्टार्ट-अप कंपनी…
अब एजुकेशन मॉडल का भविष्य डिजाइन थिंकिंग और आर्टिफिशियल एजुकेशन मॉडल का भविष्य इंटेलिजेंस की व्यापक अवधारणा ही है। भारत के टॉप-25 स्टार्ट-अप और भारत सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से ‘राष्ट्रीय स्टार्ट- अप पुरस्कार’ दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी हम कर्नाटक सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और गुजरात सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे है।

क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस…
सेमिनार में मौजूद टीचर्स एंड स्टूडेंट्स को रवि सिंह ने वीडियो के जरिए बताया कि हम सबने एआई क्या है इसका उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में किस प्रकार करते हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कभी- कभी इसे मशीन इंटेलिजेंस भी कहा जाता है। इसमें मशीनें मानव बुद्धि के सामान्य आवश्यक कार्यों को करने में समझ और सक्षम होती है। आज कई भाषाओं का अनुवाद कर कई मामलों में सही निर्णय लेने की भी क्षमता जरिया बनती जा रही एआई लोगों के जीवन के लिए महत्वपूर्ण बनती जा रही है।

कई प्रकार के होते हैं एआई…
एआई यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कई प्रकार होते है। जिसमें सभी का अलग-अलग इस्तेमाल है व किसी विशेष कार्य को पूरा करने के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। जैसे- चैटबॉट्स दूरसंचार कंपनियां उपभोक्ताओं को सामान्य सवालों के जवाब देने के लिए, क्वेरी को थोड़ा पढ़ने योग्य और समझने योग्य बनाने के लिए एआई का इस्तेमाल करती है। ऐसा नहीं किया गया तो कंपनी को एक समय में लाखों लोगों के सवालों का जवाब देने के लिए उसी के अनुपात में कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होगी।

बड़ी कंपनी अभी कर रही है इसका इस्तेमाल…
उन्होंने बताया कि समय के साथ-साथ रोबोटिक्स एवं मशीन लर्निंग जैसी थोड़ी कठिन तकनीके आसान होती जा रही है। जो बहुत सारे लोगों के कम को खुद ही कर लेती है। इसकी मदद से हम कई मुश्किल काम को बहुत आसानी से कर लेते है। इसलिए इसका आकर्षण लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि विश्व की सबसे प्रतिष्ठित और बड़ी कंपनियां एप्पल (Apple), अमेजॉन (Amazon) और गूगल (Google) जैसी कंपनियां भी एआई का जमकर इस्तेमाल कर रहीं है।

दुनिया में खुल रहे हैं प्रगति के नए रास्ते…
एआई के विकास के कारण बहुत सारे कार्य आसानी से होने लगे है आज हम एक ऐसे युग में जी रहे है। जहां कई अत्याधुनिक तकनीक और प्रौद्योगिकी का विकास हो चुका है जैसे-जैसे समय बीत रहा है वैसे-वैसे दुनिया तरक्की और विकास के और रास्ते खोलने जा रही है दुनिया में काम करने के तरीके और उसकी प्रक्रिया एवं प्रतिक्रिया सब बदल रहीं है। विकास को देखते हुए अब हमें स्कूल कॉलेज में एआई के बारे में जानने की जरूरत है। उसका इस्तेमाल करना अगर अभी से शुरू नहीं करेंगे, तो बाद में हमें समस्या हो सकती है।

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