क्यों लोहार जाति को रखा गया एसटी से ओबीसी की श्रेणी में, अदालत ने क्या सुनाया फैसला..

रांची: झारखंड में लोहार जाति को ओबीसी की श्रेणी में ही माना जाएगा. मंगलवार को हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. जिससे याचिकाकर्ता नाखुश नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने प्रार्थी के लोहार जाति को एसटी की कटोगरी में शामिल करने की दलील को खारिज कर दी है. यह फैसला जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने फैसले को सुनाया है. जिसके बाद झारखंड में लोहार जाति को ओबीसी की श्रेणी में ही गिना जाएगा. हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार के द्वारा लिए गए फैसले को सही बताया. आपको बता दें कि वर्ष 2019 में झारखंड सरकार द्वारा लोहार जाति को एसटी की श्रेणी से ओबीसी में शामिल कर दिया गया था.

इसी संबंध में दशरथ प्रसाद ने याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में दलील दी थी कि पहले लोहार जाति एसटी में शामिल था जिसे झारखंड सरकार द्वारा ओबीसी में शामिल कर दिया गया. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए. सरकार का यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट का उल्लंघन है.

वहीं, सरकार के पक्ष के वकील महाधिवक्ता ने भी माना है कि सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि लोहरा और लोहार एसटी कैटेगरी में होंगे. लेकिन, वकील आशुतोष आनंद का यह भी कहना था कि लोहार का हिंदी में होने की वजह से उक्त जाति को एसटी कैटेगरी का दर्जा दिया गया था, जो बिल्कुल सही नहीं है. अतः झारखंड हाईकोर्ट का फैसला लोहार जाति को लेकर बिल्कुल सही दिया गया है. अदालत ने राज्य सरकार की दलीलों को स्वीकारा है और प्रार्थी की याचिका को खारिज भी किया है. अब झारखंड में लोहार जाति को ओबीसी की श्रेणी में ही गिना जाएगा.