धनबाद एडीजे उत्तम आनंद के मौत मामले में रोज नए खुलासे हो रहें हैं। अब मालूम चला है की धनबाद एडीजे उत्तम आनंद ऑटो से टक्कर लगने के बाद जिंदा थे, सदर अस्पताल ने भर्ती लेने से इनकार कर दिया था और समय पर उपचार शुरू नहीं हो पाने के कारण उनकी मौत हो गयी। ऑटो से टक्कर लगने के बाद तीन युवक उन्हें घायल अवस्था में सदर अस्पताल ले गए थे। लेकिन वहां डाॅक्टराें का भर्ती लेने से इनकार कर दिया था यह खुलासा अस्पताल ले जाने वाले युवक अभय साव ने पुलिस के सामने किया। धनसार की नई दिल्ली काॅलाेनी निवासी अभय ने पुलिस काे बताया कि वह दाेस्ताें के साथ राेज गाेल्फ ग्राउंड में व्यायाम करने जाता है। 28 जुलाई की सुबह भी तीन दाेस्ताें के साथ वहां जा रहे थै। रणधीर वर्मा चाैक के पास देखा कि ऑटो एक व्यक्ति काे टक्कर मारकर भाग गया।
इसके बाद वे लाेग वहां पहुंचे तो एंबुलेंस मंगाने के लिए 108 नंबर पर काॅल किया, पर किसी ने काॅल रिसीव नहीं किया। इस दौरान धनबाद स्टेशन से काेराेना वैक्सिनेशन की शिफ्ट खत्म कर लाैट रहीं कुछ नर्सें आ रहीं थीं, उन्हीं ने प्राथमिक उपचार किया। इसके बाद वह दाेस्ताें के साथ मिलकर उन्हें सदर अस्पताल ले गए। वहां डाॅक्टराें ने इमरजेंसी की व्यवस्था न हाेने की बात कहकर भर्ती लेने से इनकार कर दिया। फिर वे लाेग उन्हें एसएनएमएमसीएच ले गए, जहां डाॅक्टराें ने उनकी मौत घोषित कर दिया। अस्पताल ने हमलाेगाें का फाेन नंबर लिया और हम वापस लाैट आए। क्याेंकि उस समय किसी काे पता नहीं था कि वे जज थे।
इधर धनबाद एसएसपी ने पाथरडीह थाना प्रभारी को लापरवाही बरतने के कारण सस्पेंड कर दिया है। बता दें की 28 जुलाई को जज को टक्कर मारने वाले ऑटो की चोरी पाथरडीह थाना क्षेत्र से हुई थी। वो ऑटो 27 जुलाई की रात चोरी हुई थी। इसकी प्राथमिकी पाथरडीह थाने में दर्ज हुई थी। पाथरडीह थाना प्रभारी पर ऑटो चोरी को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप है। जानकारी के अनुसार जज को धक्का मारने वाले ऑटो के मालिक का घर पाथरडीह थाना क्षेत्र में ही है और चालक व उसका सहयोगी भी इसी इलाके का रहने वाला है।
जिस ऑटो से जज की जान गई, उसके मालिक रामदेव लोहार ने शनिवार की रात सुदामडीह थाना में सरेंडर कर दिया। सरेंडर करने से पूर्व उसने खुद को निर्दोष बताया। उसने कहा-ऑटो चोरी हो गया था। बाद में पता चला कि ऑटो से जज की जान चली गई तो डर कर भाग गया। इस दौरान घर के आसपास ही जंगलों में छिपा रहा। यह पूछने पर कि क्या बीमा की राशि के लिए उसने खुद ऑटो चोरी करवाया, उसने कहा कि तीन माह पूर्व ही सेकेंड हैंड ऑटो खरीदा था। पेपर भी ट्रांसफर नहीं हुआ तो इंश्योरेंस कैसे ले पाता। रामदेव ने यह भी कहा कि वह पूर्व में डकैती, चोरी समेत अन्य मामलों में जेल जा चुका है। अभी वह महुआ शराब बेचता है।