झारखंड में इस बार मानसून ने तीन दिन की देरी के बाद 13 जून को प्रवेश किया था। वैसे तो इस बार लगातार बारिश भी हुई, लेकिन इसके बावजूद मानसून सीजन में औसत से 14 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। बीते साल 18 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 19 प्रतिशत तक की कमी को सामान्य बारिश माना जाता है। इस लिहाज से झारखंड में 901.9 मिमी हुई बारिश को सामान्य माना जाएगा।
हालांकि अगर वास्तविक स्थिति देखी जाए तो दीर्घावधि औसत के अनुसार राज्य के 17 जिलाें में कम बारिश रिकाॅर्ड की गई। जबकि ट्रेंड से विपरीत इस बार पलामू में काफी बारिश हुई है। सात जिले जिसमें दुमका, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, काेडरमा, पलामू, रामगढ़ और साहेबगंज में सामान्य से अधिक बारिश हुई। लेकिन 19 प्रतिशत कमी के फार्मूला के तहत राज्य के नाै जिलाें में बारिश की कमी रही। रामगढ़ में सबसे अधिक बारिश और गुमला में सबसे कम बारिश हुई।
दूसरी तरफ, राज्य में अभी मानसून जारी रहेगा। माैसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल पंजाब समेत उत्तरी राज्याें से मानसून की वापसी हाे रही है। झारखंड से 10 अक्टूबर के बाद मानसून वापसी की संभावना बनेगी।
श्री आनंद के मुताबिक अगले एक हफ्ते तक राज्य के अलग-अलग हिस्साें में हल्की से भारी बारिश हाेती रहेगी। साथ ही आसमान में बादल छाए रहेंगे। कई जिलाें में वज्रपात की चेतावनी भी जारी की गई है।