मोरहाबादी मैदान में धरना पर बैठे झारखंड सशस्त्र पुलिस सामान्य आरक्षी, गृह रक्षा वाहिनी के नव चयनित अभ्यर्थियों और पंचायत सचिव सह लिपिक के चयनित अभ्यर्थियों का अनशन आखिरकार शुक्रवार को खत्म हुआ। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव द्वारा गठित पार्टी समिति के सदस्यों ने आंदोलनकारियों से मुलाकात कर उनका अनशन तुड़वाया।
कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने अभ्यर्थियों से मुलाकात कर उनकी मांगों के समर्थन में सरकार से बातचीत करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही समस्या के समाधान का भरोसा दिलाते हुए धरना समाप्त कराया।
धरने पर बैठे झारखंड सशस्त्र पुलिस के अभ्यर्थियों ने बताया कि उन सब ने वर्ष 2013 में लिखित परीक्षा दी थी। सभी अभ्यर्थी अच्छे अंक से उत्तीर्ण हुए थे, जिसकी प्रथम सूची वर्ष 2015 में निकाली गयी। इसके बाद द्वितीय मेधा सूची संबंधी सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे प्रकाशित होने पर रोक लगा दिया गया। इस कारण आज सभी सफल अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकार में जा चुका है।
गृह रक्षा वाहिनी के नव चयनित अभ्यर्थियों कहना है कि 2017 में उन सभी का शारीरिक जांच और पुलिस चरित्र सत्यापन हो चुका है। इसका रिजल्ट वर्ष 2018 में ही निकल चुका है, लेकिन प्रशिक्षण के लिए अभी तक नहीं भेजा जा रहा है। अब अभियार्थियों की उम्र सीमा भी समाप्त होने लगी है। बहाली में चार वर्ष से अधिक समय बीत चुका है और इतने लंबे इंतजार के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है।
पंचायत सचिव के अभ्यर्थियों ने बताया कि हाईकोर्ट में जो हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया से संबंधित मामला है, उसका पंचायत सचिव नियुक्ति प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं है। नियुक्ति प्रक्रिया को विगत एक वर्ष से अधिक समय से रोककर रखा गया है। जबकि 2019 में नियुक्ति संबंधित आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। झारखंड उच्च न्यायालय के संवैधानिक पीठ के द्वारा पंचायत सचिव नियुक्ति प्रक्रिया को किसी भी प्रकार की रोक से मुक्त रखा गया है। ऐसे में पंचायत सचिव की मेधा सूची जारी क्यों नहीं की जा रही है, यह समझ से परे है।
उधर, अनशन पर बैठे अभियार्थियों से मिलने पहुंचे कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने चयनित गृहरक्षकों की मांगों पर आश्वासन को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर और कृषिमंत्री बादल से मोबाइल फोन पर बात करायी। और निवेदन कर धरना तोड़ने को कहा। ये अभियार्थी पिछले 20 दिनों से धरना पर बैठे थे। प्रतिनिधिमंडल के आश्वासन पर गृह रक्षा वाहिनी के सदस्यों ने अपना आखिर में अपना अनशन समाप्त किया।