रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से रांची हिंसा पर जवाब-तलब करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा है कि क्रिटिकल समय में रांची एसएसपी व डेली मार्केट के थाना प्रभारी को हटाने की वजह क्या है.
हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि इनके तबादले के पीछे की वजह बताए राज्य सरकार. कोर्ट ने गृह सचिव और डीजीपी को व्यक्तिगत शपथ पत्र दायर करने का भी निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 05 अगस्त को करने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि रांची के मेन रोड में 10 जून को उपद्रव की हिंसक घटना घटी. जिसके बाद प्रार्थी पंकज कुमार यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. प्रार्थी ने पूरे मामले को ईडी, एनआईए व आयकर से जांच करवाने की मांग की है. पंकज कुमार द्वारा मुख्य सचिव, उपायुक्त, एसएसपी, राज्य सरकार, एनआईए निदेशक, ईडी निदेशक, हैदराबाद के सांसद व एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, आयकर अनुसंधान निदेशक, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारुकी समेत अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में उन्होंने कहा है कि रांची के मेन रोड में घटी हिंसक घटना सुनियोजित थी. जिसमें उपद्रवियों द्वारा अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग भी किया था. वहीं, एक पक्ष ने जमकर पत्थरबाजी भी की.
झारखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि एनआईए ने इस मामले की जांच की है तो अगली सुनवाई में सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट पेश की जाए.