रांची : झारखंड उच्च न्यायालय में भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा के आयोजन पर दायर याचिका पर सुनावाई हुई। सुनवाई में उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए छोटा नागपुर के ऐतिहासिक रथयात्रा निकालने के मामले में निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। खंडपीठ ने राज्य सरकार को रथ यात्रा निकालने को लेकर किसी प्रकार के दिशा निर्देश देने से इनकार कर दिया है। मौखिक रूप से कहा कि यह सरकार के नीतिगत फैसला है। न्यायालय सरकार को निर्देश नहीं देगी। खंडपीठ ने कहा है कि सरकार स्वयं रथ यात्रा निकालने पर निर्णय लें। अगर सरकार रथयात्रा निकालने का निर्णय लेती है तो उच्चतम न्यायालय द्वारा पुरी में भगवान जगन्नाथ रथयात्रा के मामले में पारित की दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा। इसके साथ ही खंडपीठ ने मौखिक रूप से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार से कहा कि वो राज्य सरकार को न्यायालय के इस फैसले से अविलंब अवगत करा दें।
बता दें कि 12 जुलाई को रथयात्रा है। 300 वर्षों से लगातार रथ यात्रा निकाली जा रही है और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ी रथ यात्रा पर अब राज्य सरकार को निर्णय लेना है। प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता और पूर्व महाधिवक्ता अजीत कुमार ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों में मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए आम श्रद्धालुओं को प्रतिबंधित किया गया है। उड़ीसा के पुरी की तर्ज पर रांची में रथयात्रा निकालने की अनुमति दी जाए। जिसमें 101 श्रद्धालु शामिल हो। जगन्नाथ मंदिर न्यास समिति की ओर से जनहित याचिका दायर कर रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने की मांग की गई थी।