झारखंड के प्रथम डीजीपी तारकेश्वर प्रसाद सिन्हा (टीपी सिन्हा) का बिहार के पटना स्थित पारस अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया। झारखंड कैडर के एक और आइपीएस अधिकारी आईजी के पद से सेवानिवृत्त हुए हरे कृष्णा मिश्रा की भी मौत पटना में हो गई। हरे कृष्णा मिश्रा की मौत भी कोरोना से हुई। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों के निधन पर झारखंड पुलिस मुख्यालय में सोमवार को शोक सभा का आयोजन किया गया।
बता दें की बिहार से अलग होने के बाद झारखंड जब राज्य बना तो 14 दिसंबर 2000 को टीपी सिन्हा यहां डीजीपी बनाए गए थे। वे 1966 बैच के आइपीएस अधिकारी थे। मूल रूप से मुंगेर के रहने वाले टीपी सिन्हा का पटना में आवास है। वे संयुक्त बिहार में बिहार के भी डीजीपी रह चुके थे। अलग झारखंड के प्रथम डीजीपी के पद पर वे 14 दिसंबर 2000 से 31 जनवरी 2002 तक रहे और इसी पद से सेवानिवृत्त भी हुए थे। टीपी सिन्हा ने ही सबसे पहले झारखंड पुलिस को उसका फ्लैग, मोटो व लोगो दिया था।
श्रद्धांजलि देने वालों में डीजीपी नीरज सिन्हा, सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा, एडीजी मुख्यालय आरके मल्लिक, एडीजी विशेष शाखा मुरारी लाल मीणा, आईजी मानवाधिकार अखिलेश झा, पुलिस महानिरीक्षक, आईजी अभियान अमोल वी होमकर, रांची डीआईजी पंकज कंबोज समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।