झारखण्ड सरकार ने नई औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत प्रदेश में विकास का रोडमैप तैयार किया है। बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसी विषय को लेकर दिल्ली पहुंचे। बता दें कि 27-28 अगस्त को इंवेस्टर्स मीट करने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री देश के बड़े निवेशकों के साथ बैठक करेंगे और झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति (जेआईपीपी)-2021 का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री सभी निवेशकों और व्यावसायिक घरानों के प्रतिनिधियों के साथ बारी-बारी से बैठक करेंगे। इस दौरान वे निवेशकों के प्रस्तावों और सुझावों को सुनेंगे। राज्य सरकार की योजना नए निवेश आकर्षित करने के साथ साथ राज्य में बीमार औद्योगिक इकाइयों को पुनर्जीवित करने की है।
निवेशकों को बताया जाएगा कि झारखंड के 24 में से 22 जिले दूसरे राज्यों की सीमाओं से जुड़े हैं। यहां रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी की सुविधा है। 22,000 किमी रोड नेटवर्क, 23 राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य से अलग-अलग हिस्सों में बिछे हुए हैं, जीटी रोड हमारे राज्य से होकर गुजरती है। डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर भी झारखंड से होकर गुजरने वाली है। जलमार्ग के जरिए भी परिवहन का संसाधन राज्य में उपलब्ध है। नई झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छूट और सुविधायें बढ़ाई गई है। एमएसएमई क्षेत्र में निवेश के हिसाब से 25 फीसद तक अनुदान का प्रावधान किया गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा की झारखंड असीमित अवसरों वाला राज्य है। हम सभी निवेशकों का खुले हाथों से स्वागत करते हैं। निवेशकों को हर संभव सुविधा दी जाएगी। निवेश से रोजगार पैदा होगा, जिससे हमारे युवाओं को कुशल कार्यबल के लिए बेहतर अवसर मिलेगा।