भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हजारीबाग प्रमंडलीय कार्यालय की ओर से बुधवार को की गई छापेमारी में भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता(JE) रामदेव पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें ठेकेदार से 70 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। जांच में पता चला कि ठेकेदार से 40 लाख रुपये के सड़क निर्माण के बदले एक लाख रुपये रिश्वत की मांग की गई थी। ठेकेदार यह राशि नहीं देना चाहता था। उसने इसकी शिकायत हजारीबाग ACB के पुलिस अधीक्षक से की। जांच में शिकायत के सत्यापन के बाद यह कार्रवाई की गई।
कुछ ऐसा था पूरा मामला
भवन निर्माण विभाग में पंजीकृत लाइफ एंड कंपनी की तरफ से सिविल कोर्ट कैंपस में सड़क निर्माण का कार्य किया गया था। यह करीब 40 लाख का टेंडर था। काम पूरा करने के बाद विभागीय अधिकारियों की ओर से इसके सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की गई। काम पूरा होने के चार माह बाद तक ठेकेदार का अंतिम बिल भुगतान नहीं किया जा रहा था। कनीय अभियंता की ओर से इसके लिए रिश्वत की मांग की जा रही थी। ठेकेदार सफिउल्ला ने इसकी शिकायत ACB से की। सत्यापन प्रतिवेदन में आरोप सही साबित हुआ। इसके बाद ACB की टीम ने छापेमारी कर 70 हजार रुपये के साथ कनीय अभियंता को गिरफ्तार कर लिया।
लंबे समय से कार्यालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा
भवन निर्माण विभाग का यह कार्यालय लंबे समय से भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ था। ठेकेदार लगातार इस बात की शिकायत कर रहे थे कि यहां कोई भी काम बगैर रिश्वत दिए नहीं होता। ACB की छापेमारी में शिकायत सही साबित हुई। छापेमारी के बाद कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।