झारखंड में अंतरराज्यीय बसों के परिचालन पर लगी रोक के बावजूद, राज्य के कई जिलों में बिहार के लिए बसों का आवागमन जारी है। इस बात की सूचना पर संज्ञान लेते हुए राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने सोमवार को विभागीय समीक्षा के दौरान अधिकारियों को इसपर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जब इन बसों के परिचालन पर रोक लगी है तो ऐसे में विभाग को सुनिश्चित करना चाहिए कि रोक प्रभावी रहे। विभाग में अधिकारियों की कमी नहीं है, इसलिए अगर सभी मिलकर काम करें तो निश्चित रूप से इस दिशा में सफलता मिलेगी।
ज्ञात हो कि रोक के बावजूद बिहार के लिए बसों के परिचालन की खबरें लगातार सामने आ रही थी। इससे बस मालिकों की मनमानी और मिलीभगत का खेल भी उजागर हुआ। समीक्षा के दौरान चंपई सोरेन ने जिला परिवहन पदाधिकारियों और एमवीआइ को वाहनों की जांच नियमित अंतराल पर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि खासकर एमवीआइ को नियमित तौर पर बड़े वाहनों की फिटनेस जांच करनी चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
इसके अलावा, मंत्री चंपई सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य में महीनों से ड्राइविंग लाइसेंस का इंतजार कर रहे लोगों का लाइसेंस पहले बनना चाहिए। बता दें कि, संक्रमण के कारण परिवहन विभाग ने लाइसेंस बनाने पर रोक लगा दी थी। इसकी वजह से कई लोगों को 6 महीने से अधिक का इंतजार करना पड़ा। परिवहन मंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों के नाम पहले आने चाहिए। अधिकारियों को उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसा न हो कि बाद में आने वाले लोग पहले लाइसेंस लेकर चले जाएं।
उधर, परिवहन विभाग के राजस्व प्राप्ति की समीक्षा करते हुए चंपई सोरेन ने पाया कि अभी उपलब्धि महज 47 फीसद है। उन्होंने इसे बढ़ाने के लिए प्रयास करने पर जोर दिया और धनबाद, हजारीबाग और रांची जैसे जिलों के अधिकारियों को अधिक काम करने की नसीहत दी। समीक्षा के दौरान मंत्री ने पाया कि राज्य में 680 करोड़ रुपये के टैक्स डिफाल्टर्स हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को नोटिस देने, उनके खिलाफ वारंट करने और कुर्की जैसी कार्रवाई कर पूरी राशि वसूलने का निर्देश अधिकारियों को दिया। चंपई सोरेन ने कहा कि वो हर महीने इसकी समीक्षा अलग से करेंगे।