पलामू के नावाबाजार थाना के चार दिन पूर्व निलंबित थाना प्रभारी लालजी यादव ने सोमवार की रात आत्महत्या कर ली। आज सुबह उनका शव थाना परिसर स्थित क्वार्टर में फांसी के फंदे से झूलता पाया गया। वह झारखंड के साहिबगंज के रहने वाले थे। जानाकारी के मुताबिक सोमवार को इन्होंने रांची के बुढ़मू थाने में मालखाना का प्रभार देने गए थे। वहां से वापस लौटने के बाद अपने कमरे में ही फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी। हालांकि अभी अत्हमहत्या के कारणों की पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। लालजी यादव 2012 बेच के दारोगा थे। एक सप्ताह पहले पलामू के DTO अनवर हुसैन से बकझक के बाद पलामू SP चंदन कुमार सिन्हा ने लालजी यादव को सस्पेंड कर दिया था।
इधर थाना प्रभारी की खुदकुशी के बाद पलामू पुलिस और रांची पुलिस आमने-सामने हो गई है। पलामू के DIG राजकुमार लकड़ा ने बताया कि लालजी यादव रांची के बुढ़मू थाना के मालखाना में चार्ज देने के लिए गए थे। वहां कुछ चीज मिसिंग थी। इसके कारण वह तनाव में था। तनाव में आकर ही उसने आत्महत्या कर ली है। उसके सस्पेंशन का आत्महत्या से कोई लेना देना नहीं है। वहीं रांची के ग्रामीण SP नौशाद आलम ने बताया कि मालखाना का चार्ज देने में किसी प्रकार की कोई पेरशानी नहीं हुई है। वे चार्ज दे चुके थे। लगभग तीन दिनों तक रांची में रहने के बाद यहां से गए थे। उन्होंने बताया कि सस्पेंशन ही बड़ा कारण हो सकता है।
वहीं थाना प्रभारी की मौत के बाद नावा बजार के ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने नावा बाजार थाना के पास मेदिनीनगर-औरंगाबाद मुख्य सड़क एनएच 98 को जाम कर दिया। ग्रामीणों में पलामू SP के खिलाफ नाराजगी है और ग्रामीणों ने उनके खिलाफ नारेबाजी भी की। इधर घटना की सूचना मिलने के बाद SP चंदन कुमार सिन्हा भी मौके पर पहुंचे।
DTO की जब्त गाड़ियों को थाने में रखने से कर दिया था मना..
दरअसल 5 जनवरी को DTO की तरफ से नावा बाजार के NH-98 पर विशेष जांच अभियान चलाया गया था। उस दौारन उन्होंने कुछ गाड़ियों को जब्त भी किया था। उसे वे थाना परिसर में रखना चाहते थे। लेकिन उन्होंने ऐसे करने से यह कहते हुए मना कर दिया था कि ये गाड़ियां थाने की तरफ से जब्त नहीं की गई है। इसी बात पर दोनों के बीच बकझक हुई थी। DTO ने इसकी शिकायत SP से कर दी थी। इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।
बता दें की पलामू जाने से पहले ललाजी यादव रांची के कई थानों में भी कार्यरत रहे हैं। वे रांची के बुढ़मू और पिठौरिया में थानेदार रह चुके हैं। उनकी छवि एक तेजतर्रार और इमानदार पुलिसकर्मी की रही है।