झारखंड में दूर होगा बिजली संकट, गुजरात से शुरू हुई 200 मेगावाट सौर ऊर्जा की आपूर्ति..

राज्य को गुजरात से 200 मेगावाट सौर ऊर्जा मिलनी शुरू हो गई है। झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के बीच जुलाई 2018 में हुये करार के तहत सोमवार से झारखंड को केवल 2.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से सौर ऊर्जा मिलनी शुरू हो गई है। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (पीजीसीआईएल) ने सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिये ट्रांसमिशन शुल्क माफ कर दिया है। इस प्रकार जेबीवीएनएल को केवल प्रति यूनिट सौर ऊर्जा की दर का ही भुगतान करना है। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार के मुताबिक समझौते के मुताबिक सेकी 25 वर्षों तक ढाई रुपये प्रति यूनिट की दर से जेबीवीएनएल को 700 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्ध कराएगा। शेष 500 मेगावाट सौर ऊर्जा इस साल जुलाई-अगस्त से चरणबद्ध तरीके से मिलने की संभावना है।

राज्य में सरकारी स्तर पर मुख्य रूप से टीवीएनएल से करीब 350 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। जबकि राज्य में बिजली की मांग 1500 से 1700 मेगावाट पहुंचती है। शेष बिजली जेबीवीएनएल विभिन्न माध्यमों सेंट्रल ग्रिड, एनटीपीसी, इंडियन एनर्जी एक्सचेंज आदि से करीब 4.30 से 4.40 पैसे प्रति यूनिट की दर पर खरीदकर राज्य में आपूर्ति करता है। पिछले कुछ दिनों से मांग और आपूर्ति में 200 से 500 मेगावाट का अंतर पैदा होने से शहर से लेकर गांवों तक चार से छह घंटे लोड शेडिंग की नौबत बनी रही।

राज्य में सौर ऊर्जा की आपूर्ति शुरू होने से काफी राहत मिली है। टीवीएनएल की दोनों यूनिटों से बिजली उत्पादन शुरू कराने के बाद भी मांग और आपूर्ति में 200 से 300 मेगावाट का अंतर रहा। अब जेबीवीएनएल को गुजरात की एजुर कंपनी के माध्यम से 200 मेगावाट अतिरिक्त सौर ऊर्जा की आपूर्ति शुरू होने से राज्य में गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इसके अतिरिक्त डीवीसी अपने कमांड एरिया के सात जिलों में 600 मेगावाट बिजली आपूर्ति करता है। विभिन्न सरकारी भवनों की छत पर सौर ऊर्जा पैनल और भूमि पर लगे संयंत्रों से करीब 25 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है।

समझौते के तहत सेकी झारखंड में तीन कंपनियों में उत्पादित सौर ऊर्जा की आपूर्ति करेगा। सेकी ने 2018 में 2200 मेगावाट सौर ऊर्जा खरीद के लिये निविदा निकाली थी। तब जेबीवीएनएल ने 700 मेगावाट खरीद का करार सेकी से किया। उल्लेखनीय है कि राज्य को 300 मेगावाट पवन ऊर्जा की भी आपूर्ति हो रही है।