साहिबगंज: जिला मुख्यालय में हो रहे गंगा कटाव को रोकने की रणनीति बनाने के लिए आइआइटी रुड़की की टीम ने रविवार को यहां का दौरा किया। उनके साथ राजमहल विधायक अनंत ओझा, जुडको के डीजीएम आलोक मंडल, प्रोजेक्ट मैनेजर राधेकांत, विभूति कुमार, अखिलेश नायक आदि थे। टीम का नेतृत्व आइआटी रुड़की के प्रोफेसर जेड अहमद कर रहे थे। पांच सदस्यीय टीम और राजमहल विधायक अनंत ओझा ने सीवरेज प्लांट को देखा और इसे बचाने की दिशा में मंथन किया।
विधायक ने तकनीकी टीम को यहां कि गंगा की भौगोलिक स्थिति के बारे में बताया और कहा कि पूरी टीम एक बार स्थानीय पदाधिकारी के साथ बातचीत कर ले क्योंकि सीवरेज के साथ एक बड़ी आबादी भी कटाव की चपेट में है ताकि समग्रता के साथ काम हो। प्रोफेसर जेड अहमद ने बताया कि गंगा कि धारा करीब दो किलोमीटर दाएं शिफ्ट हो गयी है। स्थानीय स्तर पर समस्या का समाधान संभव नहीं है। इसके विस्तृत अध्ययन के बाद ही स्थायी समाधान का रास्ता तलाशना होगा। स्थायी रूप से काम करने के लिए संबंधित कई एजेंसी है जो रिवर पर काम करती है उसको काम करने का ऑफर देंगे ताकी कटाव रोधी कार्य शुरू कर सके।
गौरतलब हो कि गंगा की धारा शहर की ओर मुड़ गयी है। 300 बीघा से अधिक खेती योग्य जमीन गंगा की गोद में समा चुकी है। अब शहर से सटे कई गांव कटाव की चपेट में हैं। चानन में करोड़ों की लागत से बने सीवरेज प्लांट पर खतरा मंडराने लगा है। प्लांट का पिछला दिवाल और पाइप टूटकर गंगा में समा चुका है। अब कटाव का असर प्लांट के भीतर भी दिखने लगा है। सीवरेज प्लांट को गंगा कटाव से बचाने के लिए केंद्रीय टीम भी मंथन कर रहीं है। विधायक अनंत ओझा ने पिछले दिनों कटाव को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की थी। नमामि गंगे परियोजना के अध्यक्ष राजीव रंजन मिश्रा को गंगा में हो रहे कटाव को रोकने के लिए कई सुझाव दिए थे। उन्होंने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भेजने का आग्रह किया था जिसके तहत आइआइटी रुड़की की टीम ने इसका जायजा लिया।