झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के सेल कंपनी में निवेश मामले में राज्य सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 17 अगस्त के लिए टल गई है. शीर्ष अदालत ने झारखंड सरकार के वकील को अगली सुनवाई वाले दिन मामले में सभी ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स पेश करने के लिए कहा है. हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हाईकोर्ट अभी जिस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था उसी समय प्रवर्तन निदेशालय ने बिना मांगे सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट दाखिल कर दी. झारखंड हाई कोर्ट ने भी मामले में रोजाना सुनवाई शुरू कर दी. कपिल सिब्बल ने कहा कि हेमंत सोरेन के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने वाला खुद धमकी देकर उगाही मामले में फंसा हुआ है उसे हाई कोर्ट ने नोटिस तक जारी नहीं किया है.
झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल याचिका को सिब्बल ने आधारहीन बताया..
इसके साथ ही कपिल सिब्बल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल याचिका को आधारहीन बताया उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से झारखंड हाई कोर्ट के दोनों याचिकाओं को सुनवाई करने के लिए स्वीकार करने के फैसले को रद्द करने और प्रार्थी को हर्जाना लगाने की मांग की है.
3 जून को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती..
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून 2022 को झारखंड हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन के करीबियों के सेल कंपनी में निवेश बांगड़ा में हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज आवंटन मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिकाओं को मेंटेनेबल माना था. इसके बाद प्रार्थी शिव शंकर शर्मा द्वारा याचिकाओं की मेरिट पर झारखंड हाई कोर्ट ने सुनवाई की थी.