विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में रुचि रखने वाले सरकारी स्कूलों के होनहार बच्चे अब अपनी कल्पना को उड़ान दे सकेंगे। आपको बता दें कि सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों के प्रैक्टिकल के लिए स्टेम लैब्स बनाये जायेंगे। छात्रों को विज्ञान, तकनीक तथा गणित की बारीकियों से अवगत कराने तथा क्लास में प्राप्त ज्ञान को वास्तविक जीवन में उतारने के लिए राजधानी रांची के कुछ प्रखंडों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्टेम प्रयोगशालाएं स्थापित की जा रही हैं। परियोजना विशेष रूप से उन बच्चों पर केंद्रित है, जिनकी गणित, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में गहरी रुचि है।
अक्सर बच्चों को क्लास में पढ़ाये जाने से बेहतर प्रैक्टिकल में समझ आता है | इसी को मद्देनज़र रखते हुए ,झारखंड के सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सरकार का यह दूसरा कदम है। राज्य सरकार का मानना है कि परियोजना से न सिर्फ सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को नई दिशा मिलेगी, बल्कि छात्रों के लिए यह अपनी सोच को आकार देने में भी सहायक होगा। यह लैब संबंधित प्रखंडों के सभी सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए होगी। प्रोजेक्ट के सकारात्मक परिणाम के उपरांत राज्य के सभी प्रखंडों में समान रूप से स्टेम लैब की स्थापना की योजना है।
बच्चों के लिए रांची में शुरू किये गए स्टेम लैब्स विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने में काफी कारगर सिद्ध हो सकते हैं। भारत में पारंपरिक शिक्षा प्रणाली अभी भी किताबों पर आधारित है। जबकि, बच्चों को किताबों के आलावा व्यावहारिक शिक्षा देना भी आवश्यक है। छात्रों को स्टेम, एजुकेशन सिस्टम के द्वारा विज्ञान, तकनीक तथा गणित जैसे सब्जेक्ट को छात्रों की योग्यता एवं रुचि के अनुसार रोचक तरीके से सिखाया जाता है| लैब में पिनहोल कैमरा, एलईडी-आधारित हार्ट, आई मॉडल, ईयर मॉडल, इंफिनिटी वॉल, विभिन्न माध्यमों की ध्वनि, सोलर सिस्टम, हैंड पंप, सौर ऊर्जा प्रणाली, हाइड्रो टर्बाइन, मोटर मॉडल, सेंसर सेटअप, जेनरेटर, न्यूटन के गति के नियम, जैव विविधता, विभिन्न प्रकार के रोबोट, प्रोजेक्टर, टैब, इंटरएक्टिव कम्प्यूटिंग डिवाइस आदि के मॉडल लगाए गए हैं।