मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस वर्ष को रोज़गार का वर्ष कहा है | आपको बता दे की बिहार से अलग होने के बाद झारखण्ड में पहली बार अपर प्राइमरी स्कूलाें के शिक्षकाें के पद के लिए नियुक्तियां होगी | स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने यह प्रस्ताव तैयार कर लिया है| राज्य सरकार छठी से आठवीं कक्षाओं के लिए 26 हजार शिक्षकाें के पद बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इनमें से 13 हजार पद प्राइमरी स्कूलाें के शिक्षकाें की उन्नति के के लिए भरे जायेंगे | वहीं 13 हजार पदाें पर नई बहालियां हाेगी |
प्राइमरी स्कूलों के विस्तार से छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन स्कूलों में शिक्षक की संख्या में भारी कमी है | साथ ही शिक्षकों के रिटायरमेंट की वजह से भी संख्या में कमी आई है | इसी के मद्दे नज़र सरकार ने प्रस्ताव में कहा है कि अपर प्राइमरी स्कूलों में 10 हजार पद है लेकिन सरकार इन्हें 36 हजार तक ले जाना चाहती है, क्योंकि ऐसे स्कूलों की संख्या 12 हजार हैं और हर स्कूल में तीन विषयों पर पढाई अनिवार्य है | विज्ञान, समाज अध्ययन के शिक्षकों का होना आवश्यक है , ऐसे में 36 हजार शिक्षक हाेने चाहिए। शिक्षा विभाग इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षकों के पद बढ़ाने की कार्यवाही कर रहा है।
शिक्षा विभाग की कोशिश है की हर हाल में अपर प्राइमरी स्कूलों में चालीस हज़ार शिक्षकों की बहाली हो | जिसके लिए पदवर्ग समिति से सहमति नहीं मिली तो प्राइमरी स्कूलों के पदों में कटौती की सिफारिश भी की जा सकती है और ये पद अपर प्राइमरी में जाेड़े जा सकते हैं।शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को दो महीने के अंदर मंजूरी मिल जाएगी। फिर इसके बाद नियुक्ति और प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।