DSPMU में स्नातक के लिए, चांसलर पोर्टल में आवेदन देना है आवश्यक..

Jharkhand: डीएसपीएमयू में स्नातक विषयों में नामांकन की प्रक्रिया सीयूइटी और चांसलर पोर्टल दोनों माध्यम से जारी है। सीइटी के तहत प्रवेश परीक्षा हो चुकी है, CUET UG 2023 रिजल्ट जारी हो गया है। साथ ही, झारखंड के विश्वविद्यालयों में नामांकन का दौर चल रहा है। ऐसे में बच्चों को इस बार नामांकन के लिए ज्यादा मशक्कत करनी पड़ रही है। बिना चांसलर पोर्टल में आवेदन दिए इस वर्ष विश्वविद्यालयों में नामांकन कराना मुश्किल पड रहा है।

चांसलर पोर्टल में भी आवेदन देना है जरूरी…
राज्य के विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए सभी बच्चों को CUET की प्रवेश परीक्षा देना अनिवार्य है वहीं झारखंड के कई विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए चांसलर पोर्टल में भी आवेदन करना अनिवार्य है। जिसे, बच्चों को इससे बहुत ही ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बच्चे ऐसे है जिन्होंने केवल CUET के द्वारा आयोजित परीक्षा में ही भाग लिया है। अब उन्हें नामांकन के लिए दौड़ लगानी पड़ रही है। क्योंकि विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से जारी बयान के अनुसार, अगर कोई छात्र CUET के द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल होता है। तो उसे चांसलर पोर्टल में भी आवेदन देना होगा तभी वह डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में नामांकन ले सकता है। अन्यथा नामांकन में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

बांग्ला विषय के लिए चांसलर पोर्टल में एक विद्यार्थी ने दिया है आवेदन ….
इस वर्ष आवेदन देनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में काफी अंतर है। जितने बच्चो ने CUET के लिए आवेदन दिया था उसे आधा बच्चों ने चांसलर पोर्टल के लिए आवेदन दिया है। विषयों में आवेदन में काफी अंतर है। केमेस्ट्री में जहां देश भर से डीएसपीएमयू में कुल 3335 आवेदन आये थे, वहीं चांसलर पोर्टल से मात्र 75 विद्यार्थियों ने ही आवेदन दिये है। वहीं बांग्ला विषय के लिए चांसलर पोर्टल से जहां एक विद्यार्थी ने आवेदन दिया है, वहीं सीयूइटी से 133 विद्यार्थियों ने आवेदन दिये है।

बच्चों को हो रही है परेसानी…
लातेहार के रहने वाले रोहन गुप्ता ने CUET का एग्जाम दिया था तथा एग्जाम देने के बाद वह निश्चिंत थे। उन्हें यह ज्ञात नहीं था, की डीएसपीएमयू में इस वर्ष एडमिशन के लिए चांसलर पोर्टल भरना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में चांसलर पोर्टल भरने की तारीख निकल गई जिस कारण इस वर्ष डीएसपीएमयू में उनका एडमिशन नहीं हो पा रहा है। ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने है जहां बच्चों को इस बात का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है कि उन्होंने नामांकन के लिए चांसलर पोर्टल में नामांकन कराने में देर कर दी या नहीं करा पाए।