गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने 38 गोलियां चलाईं. इनमें से 13 गोलियां अमन को लगीं, जिनमें से 12 गोलियां उसके शरीर के आर-पार हो गईं, जबकि एक गोली छाती में फंस गई थी. पोस्टमार्टम के दौरान इस गोली को निकाला गया.
परिजनों को सौंपा गया शव
एनकाउंटर के करीब 34 घंटे बाद, 12 मार्च की शाम सात बजे, अमन के जीजा संतोष कुमार, चचेरे भाई कृष्णा साव और दोस्त शंकर जायसवाल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचे. चैनपुर पुलिस ने पहचान पत्रों की जांच के बाद शव उन्हें सौंप दिया. परिजनों ने बताया कि उन्हें अमन की मौत की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली थी.
एफआईआर में 21 धाराएं, छह हमलावरों पर आरोप
पलामू के चैनपुर थाने में एटीएस के इंस्पेक्टर पीके सिंह की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में अमन साहू और उसके गिरोह के छह अज्ञात हमलावरों को आरोपी बनाया गया है. एफआईआर के अनुसार, 10 मार्च की रात 8:30 बजे एटीएस की टीम रायपुर सेंट्रल जेल से अमन को रांची ले जाने के लिए निकली थी.
हमलावरों ने पुलिस पर किया हमला
11 मार्च की सुबह करीब 9:05 बजे, अंधारी ढोड़ा के पास घुमावदार मोड़ पर छह-सात हमलावरों ने पुलिस की गाड़ी पर बम फेंका और फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने अमन को बचाने के लिए तेजी से गाड़ी आगे बढ़ाई, लेकिन हमलावरों ने पीछा किया और हमला जारी रखा.
अमन ने छीनी पुलिस की राइफल, फिर भागने की कोशिश
हमलावरों से बचाव के दौरान अमन ने पुलिस जवान विजय कुमार की इंसास राइफल छीन ली और भागने की कोशिश की. पुलिस ने उसे रोकने के लिए चेतावनी दी, लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में हवलदार राकेश कुमार घायल हो गए. इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें अमन मारा गया.
सीआईडी जांच करेगी एनकाउंटर की जांच
गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर की जांच अब सीआईडी करेगी. सीआईडी इस बात की जांच करेगी कि मुठभेड़ की नौबत क्यों आई और क्या इसमें कोई पुलिस की चूक हुई थी. यदि पुलिस की गलती पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
मानवाधिकार गाइडलाइंस के तहत हो रही प्रक्रिया
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार, इस मामले में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है. मेडिकल बोर्ड द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसकी वीडियोग्राफी भी की गई.
अमन साहू का आपराधिक इतिहास
अमन साहू झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर था, जिसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी और वसूली के 50 से अधिक मामले दर्ज थे. उसका नेटवर्क रांची, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, लातेहार, बोकारो, रामगढ़ और चतरा तक फैला हुआ था.
पुलिस ने गिरोह के खिलाफ शुरू किया अभियान
अमन साहू के एनकाउंटर के बाद, झारखंड पुलिस ने उसके गिरोह के सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. डीजीपी के आदेश पर गैंग के 30 गुर्गों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं. पुलिस कई जिलों में छापेमारी कर रही है और कई अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.
गिरोह का नया नेतृत्व और सोशल मीडिया पर दावा
अमन साहू के मारे जाने के बाद, उसके गिरोह के सदस्य मयंक सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दावा किया है कि अब गिरोह की कमान वह और अमन सिंह संभालेंगे. उसने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने अमन साहू को फर्जी एनकाउंटर में मारा है.
एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवाल
अमन साहू के एनकाउंटर को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. कुछ लोग इसे फर्जी एनकाउंटर बता रहे हैं, जबकि पुलिस का दावा है कि अमन ने पुलिस पर हमला किया था, जिसके जवाब में उसे मार गिराया गया. अब सीआईडी जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी.