मंगलवार को भारत बंद की घोषणा के साथ नए कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर किसान आंदोलन करेंगे जिसका असर झारखंड में भी पड़ने के आसार है। बीजेपी को छोड़, झारखंड की लगभग सभी राजनीतिक दल इस बंद के समर्थन में है।
सत्ताधारी दल के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के सीएम हेमंत सोरेन भी इसके लिए आंदोलन की घोषणा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया में इस पर अपना पक्ष रखते हुए लिखा कि देश के आन-बान-शान हैं हमारे मेहनती किसान। देश के मालिक को मजदूर बनाने के केंद्र सरकार के षडयंत्र के खिलाफ झारखंड में भी होगा आंदोलन। सीटू के महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि भारत बंद के दौरान इमरजेंसी को छोड़कर सभी सेवाएं बंद रहेंगी। जबकि, मेडिकल और इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के कर्मचारी अपना काम कर सकेंगे। दुकान और ट्रांसपोर्टेशन की सारी व्यवस्था ठप रहेगी। साथ ही, ट्रेनों को भी नहीं चलाया जाएगा। बस और ट्रक एसोसिएशन के लोगों ने भी एक दिन के बंद का आह्वान किया है।
इसके अलावा सत्ता में शामिल कांग्रेस पहले ही इसे अपना समर्थन दे चुकी है। विभिन्न वाम दलों व एमएम, सपा और तृणमूल सहित कई दलों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन ने मोदी सरकार की पोल खोल दी है। किसान विरोध कर रहे हैं, फिर भी वह कृषि कानूनों को लागू करना चाहती है।