बोकारो में बिजली आपूर्ति में राजनीतिक पेंच से छूट रहा पसीना..

बोकारो में बिजली की समस्या को लेकर विधायक बिरंची नारायण ने आज उपायुक्त कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। विधायक ने कहा कि रघुवर सरकार के कार्यकाल में बोकारो में तीन सब स्टेशन बने थे। लेकिन, वर्तमान सरकार की उदासीनता के कारण एक भी सबस्टेशन शुरू नहीं हो पाया। जिस कारण प्रचंड गर्मी में 24 घंटे में मात्र 3-4 घंटे ही लोगों को बिजली मिल रही है।

कहा कि बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रघुवर सरकार के समय बोकारो में 4 विद्युत उप केंद्र और दो पावर गेट का निर्माण कराया गया था। इनमें से मात्र बारी को-ऑपरेटिव उपकेंद्र शुरू हो पाया, जबकि शेष तीन विद्युत उपकेंद्र फुदनीडीह नारायणपुर और पिंड्राजोरा के अलावा दो पावर ग्रिड जैनामोड़ एवं बरमसिया (चंदनकियारी) बनकर तैयार है। पर इन्हें शुरू नहीं कराया जा रहा है। कहा कि इस विषय को कई बार विधानसभा, राज्य सरकार और जिला प्रशासन के समक्ष रखा। परंतु इसका अब तक ठोस समाधान नहीं हो पाया। तीनों उपकेंद्रों में दो पावर ग्रिड चालू होने से पूरे जिले की बिजली की समस्या कई वर्षों से जनता झेल रही है। वह लगभग समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री को कई बार इस बिंदु पर सदन में पूछा। मगर ऊर्जा मंत्री द्वारा बार-बार समय देकर टाला जा रहा है।

जिले में बिजली की समस्या व समाधान..

  1. जैनामोड़ ग्रिड: 20 खंभा में वन विभाग चार साल से पेंच फंसाए हुए हैं। इस ग्रिड का शिलान्यास 2013 में तत्कालीन विधायक राजेन्द्र सिंह ने किया। ग्रिड का पूरा काम रघुवर सरकार में हो गया व ग्रिड का उद्घाटन हुआ, लेकिन आपूर्ति लाइन में 20 खंभे का पेंच फंसा, इसके बाद सरकार चली गई। इसके चालू होने से चास प्रखंड व बालीडीह औद्योगिक क्षेत्र को 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो सकेगी।
  2. फुदनीडीह : इस सब स्टेशन में चार में से दो फीडर दो वर्ष से पूर्ण है। बिजली विभाग का डीवीसी से पावर परचेज एग्रीमेंट के कारण यहां से आपूर्ति प्रारंभ नहीं हो रही है।
  3. नारायणपुर : इस सब स्टेशन को जैनामोड़ ग्रिड से जोड़ा जाना है।
  4. पिंड्राजोरा मामरकुदर, लाघला, बारमसिया : इन सभी में बारमसिया ग्रिड से लाइन आना है। यहां डीवीसी के रघुनाथपुर से आपूर्ति होना है, यहां खंभा का पेंच है काम धीरे-धीरे चल रहा है।

नोट : सभी की टेस्टिग एक वर्ष पूर्व हो चुकी है।

आज के एक दिवसीय धरना के समर्थन में चैंबर ऑफ कॉमर्स, विभिन्न सामाजिक संगठनों संस्थाओं द्वारा नैतिक समर्थन दिया और विभिन्न सोशल मीडिया में जनताओं ने प्ले कार्ड व लाइव आकर समर्थन दिया।

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