ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने अपने वकीलों के माध्यम से निर्वाचन आयोग के समक्ष बात रखी. बताया गया कि वकीलों ने और समय की मांग की है. इस पर चुनाव आयोग ने नाराजगी जतायी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से उनके अधिवक्ता ने आयोग के समक्ष दलील दी कि झारखंड प्रदेश भाजपा की तरफ से अधिवक्ता ने लगभग दो घंटे अपना पक्ष रखा है, लिहाजा उन्हें भी पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए. आयोग ने इसके बाद सुनवाई के लिए 14 जुलाई की तारीख तय की है. मालूम हो कि भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग सीएम के निर्वाचन मामले पर फैसला लेगा.
इस मामले पर सीएम के आग्रह पर भारत निर्वाचन आयोग की ओर से दो बार सुनवाई टाली जा चुकी है. बता दें की 14 जून को आयोग ने स्पष्ट किया था कि अब सुनवाई नहीं टाली जा सकती है. इससे पहले भी हेमंत सोरेन को आयोग की ओर से पक्ष रखने के लिए दो बार समय दिया गया था. सीएम ने वकील के कोरोना पॉजिटिव होने का हवाला देते हुए दिल्ली स्थित निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश होने के लिए और अधिक समय मांगा था.
आयोग ने 14 जून को आग्रह स्वीकार करते हुए 14 दिनों का समय दिया. हालांकि, आयोग की ओर से यह भी कहा गया है कि अगली तिथि को वे खुद या वकील के माध्यम से पक्ष रखें, अन्यथा उनकी ओर से जो लिखित जवाब सौंपा गया है, उसी के आधार पर फैसला लिया जाएगा.