धनबाद की मानसी लाल किले पर हुईं सम्‍मानित..

Jharkhand: धनबाद के साथ झारखंड का नाम रोशन पूरे देश में रोशन कर रही कर रही गोपीनाथडीह गांव की मानसी को अतिथि के तौर पर लाल किले में स्वतंत्रता दिवस समारोह में न केवल आमंत्रित किया गया, बल्कि उन्हें सम्मान भी प्रदान किया गया ।

मानसी झारखंड की इकलौती जलसहिया है….
झारखंड में धनबाद के एक छोटे से गांव गोपीनाथडीह गांव की मानसी बनर्जी पूरे झारखंड की इकलौती जलसहिया हैं, जिन्हें हर घर नल पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए विशिष्ट अतिथि के तौर पर लाल किला के स्वतंत्रता दिवस समारोह में एक आम दर्शक न बनकर विशिष्ट अतिथि के तौर पर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला। उन्हें यह मुकाम अपने कर्म के बदौलत हासिल की और अपने गांव के साथ पूरे राज्य का भी नाम रोशन किया। मानसी को स्वतंत्रता दिवस समारोह आमंत्रित किया गया और साथ ही केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत अन्य मंत्रियों के द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

पानी की समस्या से थी परेशान …
धनबाद के गोपीनाथडीह गांव में रहने वाली मानसी खुद पानी की समस्या से परेशान थी। पति पेशे से मजदूरी करते हैं। और घर में दो बेटियां हैं। गांव में पीने के पानी की हमेशा समस्या रही। खुद हैंडपंप पर एक बाल्टी पानी के लिए घंटों इंतजार करती थी। तब सोचा करती थी, आखिर कैसे गांव के हर घर तक पानी पहुंचे। इस बीच प्रधानमंत्री हर घर नल योजना शुरू हुई। उन्‍होंने ठान लिया कि वह जलसहिया बनेगी। 2013 में जल स्वच्छता समिति में बतौर जलसहिया जुड़ी। फिर शुरू की मेहनत और 1244 घरों तक पानी पहुंचा दिया। मानसी झारखंड से एकमात्र जलसहिया हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री के साथ लालकिले के प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस परेड देखी।

शुरू से ही निपटाना चाहती थी पानी की समस्या…
जब भी मानसी किसी को हर घर नल योजना के बारे में बताती है तब उनकी आंखें अतीत में खो जाती हैं। मानसी ने बताया कि जब विवाह हुआ और यहां आई तो सार्वजनिक हैंडपंप पर पानी भरने जाना होता था। हमने जलसंकट का जो दर्द झेला, उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकते। बस सोचा करती थी, कैसे सबको पानी मिलेगा। जब उन्हें जलसहिया के रूप में काम करने का मौका मिला तो परिवारवालों ने एतराज कर दिया। स्त्री होकर बाहर काम कैसे करोगी लेकर लेकिन उनकी जिद ने साथ ही उनका दीघा निश्चय ने घर की आर्थिक स्थिति का हवाला दिया, समझाया कि कई परिवारों तक पानी पहुंचाने का पुण्य करने का मौका मिल रहा है। उसे मत छीनो। अंतत: घरवाले भी मान गए। इस जिद्दी ने अपनी बात मनवाकर ही दम ली।

1244 घरों तक लगवाया नाल…
मानसी ने गोपीनाथडीह पंचायत के चार गांवों में हर घर तक जल पहुंचने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी मेहनत और लगन से पंचायत के चार गांव गोपीनाथडीह, झंडाबर, धोबनी और लालपुर के 1244 घरों में अन्य जलसहिया साथियों की मदद से नल लगवाया। इन चार गांवों की आबादी 5907 है। मुखिया बिजेंदर पासवान ने भरपूर सहयोग किया।

40 शौचालय का भी कराया निर्माण…
मानसी ने घर घर पानी के साथ स्वच्छता मिशन में भी अहम भूमिका निभाई। अपने गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 199 और निर्मल भारत मिशन के तहत 40 शौचालय बनवाए। आज गांव में इतने शौचालय हैं कि कोई भी घर के बाहर शौच को नहीं जाता। उन्होंने एक-एक घर को नल से जोड़ने के लिए गर्मी, धूप, बरसात, ठंड की परवाह नहीं की। बस काम किया। कई लोग नल लगवाने मना करते थे, उनको समझाया। उनके घर के अंदर शौचालय भी बनवाया। जलसहिया के रूप में जब काम शुरू किया तो उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा दिक्कतें भी आईं। परिवार की जिम्मेदारी भी संभालती थी। एक साथ दो काम शिद्दत से निभाए। अब तो दोनों बेटियां आलो बनर्जी और आराध्या बनर्जी घर संभाल लेती है।