प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मिलेगा देवघर वासियों को यह विशेष तोहफा..

गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने देवघर एयरपोर्ट के काम को 31 जुलाई तक पूरा करने व 17 सितंबर को इसके उद्घाटन किए जाने का समय तय कर दिया है। सांसद दुबे ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि देवघर एयरपोर्ट के लिए डेढ़ किलोमीटर के एप्रोच रोड का काम पिछले 9 माह से अटका हुआ है जिसमें 1.1 वर्ग किलोमीटर जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधीन है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने अप्रोच रोड के काम को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से कराने की बात कही। सांसद दूबे ने अप्रोच रोड व तालाबंदी के कारण काम में हो रही देरी पर भी केंद्रीय मंत्री से ध्यान देने की बात कही।

लोगों की अपार श्रद्धा का केंद्र बाबा बैद्यनाथ के ऐतिहासिक मंदिर में बाबा भोलेनाथ के दर्शन हेतु हर साल 5 करोड़ श्रद्धालु आते हैं। कोलकाता, पटना, बागडोगरा और रांची एयरपोर्ट के बीच में देवघर एयरपोर्ट के होने से झारखंड, बिहार व बंगाल में पड़ने वाले जिले जैसे गिरिडीह, संथाल परगना के 6 जिले, धनबाद, रामपुरहाट, आसनसोल, मालदा, जमुई, भागलपुर और बाँका के यात्रियों को सहूलियत मिलेगी।

पूर्वी भारत के लिए काफी महत्व रखने वाले देवघर एम्स के ओपीडी का भी उद्घाटन जून के दूसरे सप्ताह में होने वाला है। देवघर एयरपोर्ट चालू होने से ओपीडी में इलाज करानेवाले मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी। यहाँ एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने से धार्मिक(रिलीजियस) व चिकित्सीय(मेडिकल) पयर्टन को बढ़ावा मिलेगा। जिस प्रकार से दरभंगा एयरपोर्ट शुरू होने से दरभंगा का इलाका पूरी तरह से विकसित हो रहा है व रोजगार दर में वृद्धि आ रही है, उसी प्रकार देवघर हवाईअड्डे के शुरू होने से देवघर के साथ-साथ पूरे संथाल परगना का भी तेज़ी से विकास होगा. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। देवघर हवाईअड्डा देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम है। यहाँ से पहला विमान 17 सितंबर को उड़ान भरेगा।

देवघर हवाईअड्डे की खास बातें—

– एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एएआई), रक्षा

– अनुसंधान व विकास संगठन(डीआरडीओ) और राज्य सरकार के सहयोग से बना है देवघर हवाईअड्डा

– 500 करोड़ रुपये आयी है लागत

– 653.75 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है हवाईअड्डा

– 4000 वर्ग मीटर में है टर्मिनल भवन, 2500 मीटर लंबा रनवे

– 6 चेक इन काउंटर, 200 यात्रियों को संभालने की क्षमता

– टर्मिनल भवन की रूपरेखा पूरी तरह से बाबा बैद्यनाथ मंदिर और झारखंड की संस्कृति के अनुसार है

– एयरबस 320 समेत अन्य यात्री विमानों के लिए है उपयुक्त

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