देवघर: चार महीने से ज्यादा समय से देवघर का बाबा बैद्यनाथ मंदिर बंद है। झारखंड सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर रोकने के लिए 22 अप्रैल को राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की घोषणा की थी। तभी से झारखंड के तमाम मंदिर बंद हैं। हालांकि राज्य सरकार ने सबकुछ खोल दिया है। देवघर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बाबा मंदिर पर आधारित है। इसके बंद रहने से हजारों लोगों के समक्ष भूखमरी-सी स्थिति उत्पन्न हो गई। अब लोग मंदिर खोलने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए आज देवघर बंद का आयोजन किया गया है। बंद का सुबह से ही असर दिख रहा है। सड़कों पर वाहन नहीं चल रहे हैं। सड़क और गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। इस सन्नाटे को बीच-बीच में पुलिस की चहलकदमी तोड़ रही है।
बंद के दौरान दुकानें खुली रखने वालों को चिह्नित करते हुए उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा साथ ही किसी भी प्रकार की हुड़दंगी की कोशिश करने वालों से सख्ती से निबटे जाने की भी घोषणा की गयी है। बताते चलें कि बाबा मंदिर खोले जाने को लेकर कई बार डीसी से लेकर मुख्यमंत्री तक से मुलाकात करने के बावजूद हमेशा आश्वासन ही मिलता रहा, लेकिन बाबा वैद्यनाथ मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए अभी तक नहीं खोला गया। ऐसे में देवघर की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गयी है।
बता दें की मंदिर आसपास के दुकानदार लगातार धरना प्रदर्शन करते रहे हैं। दो दिन पहले एक घंटा के लिए टावर चौक को जाम कर दिया था। उस दिन भी दुकानदारों ने कहा था कि सरकार मंदिर खोल दे वह कमाकर दो वक्त की रोटी की जुगाड़ कर लेंगे। उनको सरकार की ओर से कोई आर्थिक मदद नहीं चाहिए। दरअसल कोरोना के कारण यह दूसरा साल है जब सावन का मेला नहीं लगा है। मंदिर भी लगातार बंद रहा है। पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर ने एलान किया था कि रविवार तक मंदिर खोलने का निर्णय सरकार नहीं करती है तो वह सबके समर्थन से एक दिन के लिए देवघर बंद कर देंगे। इस पर भी बात नहीं बनी तो आगे चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।