कोरोना से बढ़ता जा रहा मानसिक तनाव, ब्रेन स्ट्रोक का भी बढ़ा खतरा..

कोरोना संक्रमण के दौर में मानसिक तनाव के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। ये बातें नैचुरोपैथिक विशेषज्ञ डॉ. अनिल राय ने ब्रेन स्ट्रोक दिवस के मौके पर कहीं। जमशेदपुर के सोनारी में ब्रेन स्ट्रोक दिवस विशेष जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें डॉ राय ने जूम एप के माध्यम से लोगों को जागरुक किया।

डॉ. अनिल राय ने कहा कि एक तो भागदौड़ वाली जिंदगी में मानसिक तनाव पहले से ही हावी था। और अब इसमें कोरोना भी जुड़ गया है। इसकी वजह से मानसिक तनाव के मरीजों में तेजी से इजाफा हो रहा है। इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। डॉ राय ने बताया कि इसके बचने के लिए सकारात्मक सोच, योग, शारीरिक श्रम व अपने कार्यों में जुटे रहना होगा। क्यूंकि, तनाव की वजह से भी ब्रेन स्ट्रोक का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के मुख्य कारणों में मानसिक तनाव, उच्च रक्तचाप, अनुचित आहार, ध्रुमपान, व्यायाम की कमी सहित अनेकों असहज जीवन शैली शामिल हैं। इस आघात से बचने के लिए सूचनात्मक कार्यशालाओं में शामिल हों, ध्रुमपान का त्याग करें, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखें एवं प्रकृति से जुड़े रहें।

कार्यक्रम के दौरान डॉ अनिल राय ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक पड़ने के दो से तीन घंटे के अंदर इलाज जरूरी है। इस दौरान थक्के को निकाल दिया जाता है जिससे मरीज की जान बच जाती है। ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं – हिमैरजिक और इस्केमिक। इनमें 70 फीसद मामलों में इस्केमिक स्ट्रोक होता है। बाकी कारण हिमैरजिक होता है। वहीं, 30 से 40 फीसद मरीजों में नसों के जरिए दिमाग का उपचार किया जाता है।

ऐसे में इससे बचने के लिए समय पर इलाज जरूरी है। इसके लिए लक्षण को पहचाने और सावधान रहें। अगर चेहरा एक तरफ लटके, एक हाथ में बल न लगना, बोलने में लड़खड़ाहट, सिर में तेज दर्द, एकदम से देखने में एक या दोनों आंख में परेशानी और चक्कर आना, इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर से फौरन मिलें।

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