झारखंड में कोरोना की वापसी, एक की मौत..

रांची:झारखंड में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी है। स्वास्थ्य विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार वर्तमान में राज्य में 6 सक्रिय कोरोना मरीज हैं, जिनका इलाज जारी है। वहीं, 10 जून को कोरोना से पहली मौत भी दर्ज की गई है। मृतक 44 वर्षीय पुरुष रांची के रिम्स में इलाजरत थे।

मृतक की स्थिति और चिकित्सा विवरण
जानकारी के अनुसार, मरीज को 2 जून को सीआइपी रांची से रिम्स रेफर किया गया था। गले में भोजन फंस जाने के कारण उसे दिल का दौरा पड़ा और सांसें रुक गईं। इसके बाद उसे सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation) देकर इंट्यूबेट किया गया और वेंटिलेटर पर रखा गया। जांच में मरीज को एस्पिरेशन निमोनिया और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम होने की पुष्टि हुई। 5 जून को रूटीन जाँच में मरीज कोविड पॉजिटिव पाया गया। हालांकि डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि उसकी मृत्यु का कारण रिस्पाइरेटरी सेप्टिक शॉक था, जो कि कोरोना से जुड़ा एक जटिल लक्षण है।

जनवरी से अब तक 9 लोग हुए स्वस्थ
इस वर्ष राज्य में कोरोना का पहला मामला 24 मई 2025 को सामने आया था, जब मुंबई से लौटे एक व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद धीरे-धीरे मामलों की संख्या बढ़ने लगी। जनवरी 2025 से अब तक कुल 9 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं, जबकि 6 अब भी संक्रमित हैं।

रिम्स की अपील: सावधानी जरूरी, अफवाहों से बचें
रिम्स प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है। आमजन से आग्रह किया गया है कि वे केवल सरकारी या अधिकृत स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें और स्वयं की व दूसरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतें।

रिम्स की सिफारिशें:

  • मास्क का नियमित उपयोग करें 😷
  • बार-बार हाथ धोएं 🧼
  • भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें 🚫
  • बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें 🏥

सावधानी से ही बचाव संभव
देशभर में जहां कोरोना की नई लहर चिंता बढ़ा रही है, वहीं झारखंड में भी स्थिति को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल को फिर से सक्रिय किया गया है।

झारखंड में कोरोना की वापसी भले ही सीमित संख्या में हो, लेकिन यह आने वाले दिनों में बढ़ सकता है। समय रहते सावधानी और सतर्कता ही इससे बचाव का सबसे बेहतर तरीका है। आमजन से अपील है कि वे जिम्मेदार नागरिक बनकर स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करें।

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