झारखंड में कोरोना के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आठ जुलाई तक जारी आंकड़ों पर गौर करें, तो राज्य में कोरोना के कुल एक्टिव केस 542 हो गये है। वहीं, रांची में 58 एक्टिव केस हैं, जो कुल एक्टिव केस का 10 फीसदी है। रांची के अलावा पूर्वी सिंहभूम, देवघर और बोकारो में भी कोरोना संक्रमण बढ़ गया है। इस बीच रांची के थड़पखना निवासी 77 वर्षीय एक बुजुर्ग की मौत शनिवार को मेडिका अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। रांची में बीते एक एक सप्ताह में यह दूसरी मौत है। इससे पहले तीन जुलाई को ओरमांझी निवासी 61 साल के बुजुर्ग की मौत कोविड के कारण हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार, थड़पखना के बुजुर्ग को कई शिकायतों के बाद तीन जुलाई को सेंटेविटा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में वे कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। शनिवार को हुई दोबारा जांच में भी वे पॉजिटिव मिले थे। शनिवार कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उनका अंतिम संस्कार किया गया।
झारखंड में कोरोना संक्रमण के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी आंकड़ों को अनुसार पिछले 24 घंटे में 8329 सैंपल की टेस्ट में 132 कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसके साथ ही राज्य में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 542 हो गई हैं। जबकि 58 कोरोना मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। 7 जुलाई को राज्य में 102 नए मरीज मिले थे और 8 जुलाई को यह संख्या बढ़कर 132 हो गई है।
डरने की जरूरत नहीं, सावधानी बरतें : डॉ देवेश
रिम्स के विशेषज्ञ चिकित्सका डॉ देवेश ने कहा कि रिम्स में वर्तमान में सिर्फ एक ही मरीज भर्ती है। उन्होंने बताया कि कोरोना अब आम बीमारियों की तरह हो चुका है। लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सावधान रहने की जरूरत है। मरीज सिर्फ कोरोना के लक्षण से नहीं मर रहे हैं। गंभीर रोग भी मौत का कारण बन रहा है। हालांकि जांच में पॉजिटिव आने पर कोविड से मौत कहना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि बहुत अधिक खौफ का माहौल बनाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है।