मुख्यमंत्री सोरेन ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र, मांगा जीएसटी नुकसान का मुआवजा..

मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जीएसटी नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है| श्री सोरेन ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि झारखंड को जीएसटी के पैसे का भुगतान करने में केंद्र कितनी अड़चने डाल रहा है|

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीटर पर प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित तीन पन्ने की एक चिट्ठी शेयर की है| इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि पत्र के जरिए जीएसटी मुआवजा मिलने में केंद्र की ओर से खड़ी की जा रही बाधाओं के बारे में प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया है| मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने पीएम से अपील करते हुए कहा है कि सहकारी संघीय ढांचे को बचाये रखने के लिए वो इस मामले में हस्तक्षेप करें तथा वित्त मंत्रालय को आवश्यक निर्देश दें|

प्रधानमंत्री को संबोधित उक्त चिट्ठी में श्री सोरेन ने लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड सरकार को अबतक करीब 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है| लेकिन, केंद्र सरकार की ओर से इसका भुगतान नहीं हो रहा है| हाल ही में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा कोई ठोस कदम उठाये जाने की उम्मीद थी| लेकिन उन्होंने अविश्वसनीय रूप से राज्य सरकारों के समक्ष जो विकल्प रखा, उसमें करोड़ों रुपये का कर्ज लेना होगा|

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा है कि तीन साल पहले किसी ने ऐसा नहीं सोचा होगा कि भारत सरकार इस तरह का कदम उठायेगी| सहकारी संघीय ढांचे का तकाजा ये कहता है कि राज्य सरकारों को हुए जीएसटी के नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी चाहिए| लेकिन ऐसा नहीं हुआ, और अब ये केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अविश्वास को बढ़ावा देगा|

श्री सोरेन ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को 1 जुलाई, 2017 की आधी रात को हुए जीएसटी की लॉन्चिंग याद दिलायी| उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में आपने जिस जीएसटी को सिरे से खारिज कर दिया था, प्रधानमंत्री के रूप में आपने उसी टैक्स कानून को सहकारी संघीय ढांचा के उदाहरण के रूप में पेश किया था| इसे राष्ट्र के विकास में मील का पत्थर साबित होने की बात कही थी| श्री सोरेन ने कहा है कि एक देश के रूप में भारत तभी आगे बढ़ सकता है, जब इसके राज्यों का भी विकास होगा और वो आत्मनिर्भर बने| पत्र में आगे श्री सोरेन ने लिखा है कि केंद्र सरकार जीएसटी से जुड़े अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन सही से नहीं कर रही| इसके तहत राज्यों को उसके नुकसान की हुई भरपाई करने की बजाय राज्य हित और को-ऑपरेटिव फेडेरलिज्म के विरुद्ध काम कर रही है|

मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने पत्र में लिखा है कि जीएसटी की राशि नहीं मिलने से झारखंड को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| जो कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की आधारशिला पर केंद्र का कुठाराघात है|

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ट्वीट के बाद सत्तारूढ़ दल झामुमो ने राज्य की परेशानियों को केंद्र सरकार के समक्ष रखने के लिए हेमंत सोरेन सरकार का आभार व्यक्त किया|