झारखण्ड विधानसभा के बजट सत्र की कार्रवाई सोमवार को दोबारा शुरू होगी। आमतौर पर सदन में चलने वाले प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण, शून्य काल और वाद विवाद के अलावा कुछ अहम घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा की जा सकती है। इन घोषणाओं के माध्यम से राज्य की सबसे बड़ी पंचायत में सत्ता पक्ष की मंशा अपने वादे और राजनीतिक एजेंडा की प्रतिबद्धता को जाहिर करने की है।
थोड़े दिन पहले राज्य कैबिनेट की बैठक में निजी क्षेत्र में 75 फीसद आरक्षण के साथ बेरोज़गारों को बेरोज़गारी भत्ता दिए जाने के फैसले पर मुहर लगायी गयी। हालांकि प्राधिकृत तौर पर इन निर्णयों को मीडिया से साझा नहीं किया गया। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को मुख्यमंत्री सरकार द्वारा लिए गए इन अहम फैसलों की जानकारी सदन में देंगे।
वास्तव में यह सत्ता पक्ष का न सिर्फ एजेंडा था बल्कि झामुमो द्वारा इससे घोषणा पत्र में सम्मिलित भी किया गया था। सरकार न केवल इन घोषणाओं को सदन में साझा करेगी बल्कि ये संदेश देने की भी कोशिश करेगी कि कोविड की वजह से सरकार अपने वादों को भूली नहीं है। सत्ता दल की कोशिश विपक्षी दल से तमाम मुद्दों को छीनने की है जिसका आधार राज्य की सबसे बड़ी पंचायत को बनाया जाएगा। सदन में बड़ी घोषणाएं कर सत्ता दल की मंशा विपक्षी दल को बैकफुट पर धकेलने की भी है।