पद्मश्री से सम्मानित हुए छऊ गुरु शशधर आचार्य व नागपुरी गीतकार मधु मंसूरी हंसमुख..

कला क्षेत्र में झारखंड का नाम रौशन करने वाले दो कलाकारों को आज राष्ट्रपति राम नाथ ने कोविंद नई दिल्ली में पदम्श्री सम्मान से सम्मानित किया. इनमें राजधानी निवासी मधु मंसूरी हंसमुख और सरायकेला-खरसांवा निवासी छऊ गुरू शशधर अचार्य शामिल हैं. इन दोनों कलाकारों को बीते वर्ष 2020 में ही पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा हुई थी. वहीं, सरायकेला-खरसांवा की छुटनी देवी को कल (मंगलवार) को सम्मान मिलेगा. जबकि, प्रसिद्ध पर्वतारोहियों में शामिल लेफ्टिनेंट कर्नल जय प्रकाश को भी इस महीने राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलना है. मालूम हो कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली 119 हस्तियों को राष्ट्रपति के द्वारा पुरस्कार देने की घोषणा केंद्र सरकार ने बीते वर्ष की थी.

पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख रांची जिले के रातू प्रखंड के सिमलिया के रहने वाले हैं. नागपुरी गीत के जरिए इन्होंने झारखंड का नाम देश-विदेश में रोशन किया है. इतना ही नहीं, झारखंड आंदोलन में भी इन्होंने अहम भूमिका निभाई. इन्हें नागपुरी गीतों का राजकुमार कहा जाता है. जल-जंगल-जमीन और झारखंड आंदोलन पर इन्होंने कई गीत लिखे हैं. मधु मंसूरी हंसमुख ने कहा कि झारखंड की जनता का प्यार ही है कि ये सम्मान उन्हें प्राप्त हुआ है. वे इसे श्रोताओं को समर्पित करते हैं.

वहीं छऊ गुरु शशधर आचार्य झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के रहने वाले हैं. छऊ नृत्य के जरिए इन्होंने देश-विदेश में झारखंड का नाम रोशन किया है. छऊ नृत्य में इनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया. आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में इन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया.

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