जेईई मेंस में गड़बड़ी को लेकर सीबीआई ने जमशेदपुर समेत 19 स्थानों पर मारे छापे..

सीबीआई ने 2021 जेईई-मेंस परीक्षा में अनियमितता से जुड़े एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। सीबीआई ने इस मामले में जमशेदपुर, दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, पुणे, बेंगलुरु और इंदौर में 19 स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान 25 लैपटॉप, सात कंप्यूटर, 30 पोस्ट-डेटेड चेक के अलावा काफी दस्तावेज बरामद हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक एफिनिटी एजुकेशन के निदेशक जेईई मेन में बच्चों को बेहतर रैंकिंग दिलाने का गिरोह चला रहे थे। ताकि एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) में उन्हें प्रवेश मिल सके। सौदा 12 से 15 लाख रुपए में होता था। एजेंसी ने इस संबंध में बुधवार को केस दर्ज किया था। गुरुवार को परीक्षा समाप्त होने के बाद छापेमारी की।

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया, “इस मामले में बुधवार को कंपनी, उसके निदेशकों, कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया।’ सीबीआई ने एफिनिटी एजुकेशन के निदेशकों सिद्धार्थ कृष्ण, विशंभरमणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के साथ कुछ बिचाैलियों और परीक्षा केंद्रों में पदस्थ स्टाफ के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपी जेईई मेन में कम रैंकिंग वाले छात्रों को बेहतर रैंकिंग और शीर्ष एनआइटी संस्थान में एडमिशन का भरोसा दिलाकर फंसाते थे। छात्रों से जमानत के तौर पर उनकी मार्कशीट, पहचान पत्र, पोस्ट डेटेड चेक लेते थे।

जमशेदपुर में कंसल्टेंसी एजेंसी पर छापा, एक हिरासत में..
सीबीआई की टीम ने गुरुवार सुबह 10 बजे आदित्यपुर के आरआईटी थाना क्षेत्र के बाबाकुटी निवासी साेनू ठाकुर के घर पर छापेमारी की। सुबह से लेकर रात आठ बजे तक उससे पूछताछ की गई। इसमें उसने हरिओम नगर स्थित एक कंसल्टेंसी एजेंसी के साथ मिलकर गड़बड़ी करने की बात स्वीकार की। बाद में सीबीआई टीम ने उस कंसल्टेंसी पर भी छापेमारी की।

टीम कंसल्टेंसी संचालक रंजीत शर्मा के घर भी पहुंची, लेकिन वह पकड़ा नहीं गया। साेनू ठाकुर के घर से कई कागजात जब्त किए गए हैं। इसके बाद सीबीआई टीम साेनू काे लेकर रांची रवाना हाे गई। छापेमारी के संबंध में सीबीआई ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उधर, स्थानीय लाेगाें के मुताबिक साेनू रंजीत के संपर्क में था। दाेनाें जेईई-मेंस परीक्षा में हेराफेरी कराकर स्टूडेंट्स का नामी इंजीनियरिंग काॅलेजाें में दाखिला कराते थे। इसीलिए आदित्यपुर में कंसल्टेंसी खाेल रखी थी। ये दाेनाें एफिनिटी एजुकेशन के संपर्क में भी थे। कई छात्रों से उनके संपर्क थे।

दाखिले के बाद कैश होना था पीडीसी..
सीबीआई छापे में 30 पोस्ट डेटेड चेक मिले हैं। इन चेकों में 12 से 15 लाख की रकम की इंट्री व संबंधित परीक्षार्थियों के खाताधारी अभिभावकों के हस्ताक्षर हैं। चेक में एडमिशन होने के बाद ही तारीख अंकित है। सीबीआई के अनुसार, संबंधित परीक्षार्थी के यूजर आईडी व पासवर्ड के जरिए कंपनी किसी अन्य से ऑनलाइन उत्तर दिलवाकर दाखिला सुनिश्चित करवाता। उसके बाद पीडीसी में अंकित तारीख के बाद उसे बैंकों में जमा कर कैश किया जाता।

खुलासा: साेनीपत में फर्जीवाड़ा पकड़ा, परीक्षा केंद्रों के कर्मियों से थी साठगांठ..
इस धांधली का भंडाफोड़ हरियाणा के सोनीपत स्थित एक परीक्षा केंद्र के जरिए हुआ है। आरोपियों ने इस परीक्षा केंद्र के कुछ कर्मचारियों से साठगांठ की थी। छात्रों को यही परीक्षा केंद्र चुनने को कहा था। फिर रिमोट एक्सेस के जरिए उनकी परीक्षा दी जाती थी। सीबीआई ने इस फर्जीवाड़े की छानबीन की ताे इसके तार कई राज्याें से जुड़ते चले गए। इसके बाद सीबीआई ने सभी राज्याें में छापेमारी शुरू की।

धांधली: स्टूडेंट्स की जगह दूसराें से दिलवाते थे ऑनलाइन परीक्षा..
सीबीआई के मुताबिक, गिराेह परीक्षार्थियाें के यूजर आईडी और पासवर्ड ले लेता था और दूसरे लाेगाें से ऑनलाइन परीक्षा दिलवाकर दाखिला सुनिश्चित करता था। छापे में 30 पोस्ट डेटेड चेक मिले हैं। इनमें 12-15 लाख की रकम भरी है। यह सेंटर पर परीक्षा देने वाले अभ्यार्थियों के अभिभावकों के हैं। चेक में भुगतान की तारीख एडमिशन के बाद की है। यानी छात्राें का टाॅप एनआईटी में एडमिशन हाेने के बाद उस चेक काे बैंकाें में जमा कर कैश किया जाता।