संसद में शनिवार को पलामू के नौसैनिक सूरज दुबे हत्याकांड का मामला गूंजा। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सूरज की हत्या की सीबीआई से जांच कराने का मुद्दा उठाया गया। पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए सीबीआई जांच को आवश्यक बताया। सदन में अपने अभिभाषण में उन्होंने कहा कि ये मामला सिर्फ उनके संसदीय क्षेत्र के केवल एक नेवी जवान का नहीं, बल्कि ये देश की नौसेना से भी जुड़ा है।
बता दें कि सूरज दुबे कोयंबटूर में आइएनएस अग्रणी पर सेलर के पद पर कार्यरत थे। वो पलामू स्थित अपने घर से एक महीने को छुट्टी बिताकर 30 जनवरी को ड्यूटी ज्वाइन करने निकले। चेन्नई एयरपोर्ट से वो गायब हो गए। इसके बाद 5 फरवरी को वो चेन्नई से 1500 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के पालघर इलाके में गंभीर रूप से जली हुई अवस्था में बरामद हुए थे। इसी दिन देर रात नेवी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी।
मुंबई पुलिस की जांच में सामने आया है कि नौसैनिक सूरज दुबे का चेन्नई एयरपोर्ट से अपहरण किया गया था। इसके बाद उन्हें पालघर लाकर यह तीन दिनों के बाद जंगली इलाके में ज्वलनशील पदार्थ उनके शरीर पर डालकर जला दिया गया था। इस संबंध में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है। मुंबई पुलिस जांच के लिए पिछले दिनों जवान के पैतृक गांव में भी आयी थी।
सांसद वीडी राम ने सदन में इस मामले को उठाते हुए कहा कि नौसैनिक की नृशंस हत्या की गई है। इसलिए इसकी जांच सीबीआइ से कराना बहुत जरूरी है। सांसद ने कहा कि ये वही पालघर है जहां कुछ महीने पहले साधुओं को पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गयी थी। सूरज कुमार दूबे को अपहरणकर्ताओं ने तीन दिनों तक बंधक बनाकर रखा, लेकिन ये पुलिस की विफलता है कि वो उसे ढूंढ नहीं पायी।
सांसद ने प्रश्न उठाया कि अपहरणकर्ताओं द्वारा सूरज को चेन्नई से पालघर 1500 कि.मी. दूर क्यों ले जाया गया? उनकी नृशंस हत्या करने से पहले 10 लाख रूपए की फिरौती क्यों मांगी गयी। ये मामला सेना के एक जवान से जुड़ा हुआ है और इसका उद्भेदन जरूरी है।
सांसद ने गृह मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि इस कांड की जांच सीबीआई से कराने की कृपा करें, क्योंकि इस कांड का इंटर स्टेट रेमिफिकेशन है। साथ ही रक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि सेना की दृष्टिकोण से नौसेना के पदाधिकारियों एवं पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर इस कांड की जांच कराने का कष्ट करें।