लातेहार के ततहा पानी में नहा कर दूर होती है चर्म रोग की समस्या..

Latehar: पठारो के बीच बसा झारखंड अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए सालों से पर्यटन स्थाल के रूप मे उभरता हुआ नजर आया है। वहीं झारखंड का लातेहार जिला प्राकृतिक सौंदर्य और अपने मनमोहक दृश्य के लिए हमेशा से ही पर्यटकों के बीच पहला चुनाव बना रहा है। लातेहार जिले में छुट्टियों के दिनों में लोगों का तांता लगा रहता है। छुट्टियों के दिनों में लोग यहां दूर-दूर से प्राकृतिक सौंदर्य का विलुप्त उठाने आते है। यहां कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जिनकी स्थानीय स्तर पर ख्याति है। इन्हीं में से एक है ततहा नदी का गर्म जलस्रोत, कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से चर्म रोग और खुजली दूर हो जाते है। नए साल के अवसर और मकनसंक्रांति के दिन पर्यटक यहां पर पिकनिक मनाने के लिए आया करते है। साथ ही यहां आने के बाद पर्यटक दिनभर पिकनिक व सैर-सपाटा कर शाम में वापस जिला मुख्यालय लौट सकते है। ततहा नदी के अलावा पास में ही हरही पहाड़ के कई रमणिक स्थल है।

गर्म पानी में है औषधीय गुण ….
लातेहार जिले से कम से कम 10 किलोमीटर दूरी पर सदर प्रखंड की हेठपोचरा पंचायत के जारम गांव में ततहा गर्म पानी का स्रोत है। जबकि हेठ पोचरा पंचायत मुख्यालय से इसकी दूरी चार किमी है। यहां पर बसे लोगों का कहना है कि जो भी व्यक्ति चर्म रोग से ग्रसित है। ततहा गर्म पानी में नहाने से उसकी चर्म रोग की समस्या दूर हो जाती है। लोग बताते हैं कि ततहा गर्म पानी में औषधीय गुण है जिस की पुरानी से पुरानी चर्म रोग की समस्या खत्म हो जाती है।

दूर होती है चर्म रोग…...
ततहा नदी के समीप बसे लोग बताते हैं कि पानी में औषधियुक्त है और यहां नहाने से चर्म रोग दूर होते है। पोचरा पंचायत के बड़े- बुजुर्ग बताते हैं कि अंग्रेज अफसर ततहा नदी आए थे और उन्होंने गर्म पानी देखकर इस क्षेत्र को विकसित करने व यहां शोध कराने का निर्णय लिया था, लेकिन इस दौरान भारत को आजादी मिल गयी और यह कार्य शुरू नहीं हो सका।

ठंड में रहती है पर्यटकों कि भीड़….
हरही पहाड़ी के नीचे अवस्थित ततहा नदी में असंख्य ऐसे स्रोत हैं, जहां जमीन से गर्म पानी निकलता है। ठंड के दिनों में यहां पर लोग गर्म पानी में बैठ कर घंटों नहाते है। पहले यहां लोग मकर संक्रांति के दिन जनवरी में काफी भारी संख्या में पिकनिक मनाने आया करते थे। लेकिन अब यहां लोगो का तांता ठंड के पूरे महीने में भरा रहता है। लोग यहां मकर संक्रांति में गर्म पानी के स्रोत में स्नान व दानपुण्य कर चूड़ा-दही खाते है। ठंड के दिनों में गुनगुनी धूप में ततहा के गर्म पानी में नहाने का आनंद स्थानीय लोग उठाते है।