हजारीबाग के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा आज कोलकाता में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं | वहीं शनिवार को रामगढ़ में मौजूद यशवंत सिन्हा के बेटे व भाजपा से सांसद जयंत सिन्हा, पिता द्वारा तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की बात पर थोड़े असहज दिखे। झारखंड के रामगढ़ में पत्रकारों से बात करते हुए जयंत सिन्हा ने बताया कि यह बात तो उनसे (यशवंत सिन्हा) ही पूछनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बंगाल में इस बार असल परिवर्तन होगा। वहां भाजपा भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी।
शनिवार को सांसद जयंत सिन्हा रामगढ़ डीसी कार्यालय में दिशा की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। बैठक के बाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा भारी बहुमत से जीतेगी। वहीं ,अपने पिता से जुड़े सवाल का जवाब देने के बाद वे पत्रकार वार्ता से उठ कर चले गए।
दूसरी तरफ, झारखंड कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने यशवंत सिन्हा के टीएमसी में शामिल होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है | उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बीते दिन बीजेपी ने यशवंत सिन्हा और उनके पुत्र के साथ दुर्व्यवहार किया है , ये स्वाभाविक तौर पर उस दुर्व्यवहार का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा जी को बीजेपी के खिलाफ एक प्लेटफार्म चाहिए था और वह प्लेटफार्म उन्हें बंगाल में मिल गया। इसलिए उन्होंने ममता बनर्जी का दामन थाम लिया है।
हजारीबाग से तीन बार भाजपा के टिकट पर सांसद रह चुके यशवंत सिन्हा के इस कदम से पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा को झटका लग सकता है। हालांकि, पार्टी इससे हतप्रभ नहीं है, क्योंकि यशवंत सिन्हा केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से ही भाजपा के विरोध में बयान देते आए हैं। दरअसल , उन्होंने 21 अप्रैल 2018 को भाजपा की पार्टी छोड़ दी थी। आपको बता दें कि यशवंत सिन्हा केंद्र की सरकार में वित्त मंत्री और अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में विदेश मंत्री रह चुके हैं।
वहीं , वर्तमान में उनके पुत्र जयंत सिन्हा हजारीबाग से भाजपा के सांसद हैं। यशवंत सिन्हा ने अपने जीवन के शुरुआती दौर में प्रशासनिक सेवा में कार्य किया। वे सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट, अवर सचिव व उप सचिव के पद पर रह चुके हैं।वहीं , प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने के बाद वे जनता पार्टी से जुड़े थे। साथ ही ,जून 1996 में वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी बने।