साहिबगंज : झारखंड के साहिबगंज जिले के कुल 216 गांव और टोले आज भी बिजली का इंतजार कर रहे हैं। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विधानसभा क्षेत्र का गांव भी शामिल है। यहां के लोग लालटेन युग में जी रहे हैं। शाम होते ही इन गांवों में अंधेरा छा जाता है। मोबाइल चार्ज कराने के लिए बगल के गांव में जाना पड़ता है जहां उसकी कीमत चुकानी पड़ती है। वैसे कुछ लोगों ने मोबाइल चार्ज कराने के लिए सोलर प्लेट लगा लिया है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत सभी छूटे गांवों का विद्युतीकरण करना था। इस योजना की शुरूआत कई साल पहले ही हुई। इसके तहत 1383 गांवों का विद्युतीकरण दिसंबर 20 तक कर देना था। लेकिन कोरोना की वजह से मामला अटक गया। अब तब 1167 गांवों का ही विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो सका है। शेष कार्य पूरा करने के लिए कंपनियों को एक साल का समय दिया गया है। अब दिसंबर 21 तक काम पूरा करना है। दरअसल झारखंड की राजनीति में साहिबगंज का खास स्थान है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साहिबगंज जिले के बरहेट विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इसके बावजूद बरहेट के 86 गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है।
साहिबगंज में विद्युतीकरण की रफ्तार काफी धीमी है। पिछले दिनों समीक्षा बैठक के दौरान उपायुक्त रामनिवास यादव ने बिजली विभाग के अधिकारियों को इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया। विद्युतीकरण कार्य में तीन कंपनियों को लगाया गया है। इनमें जैक्सन, विल्सन और पेस पावर शामिल हैं। लोगों को अभी भी बिजली का इंतजार ही है।