बोकारो में निकला 3.5 KM लंबा तिरंगा यात्रा, गिनीज़ बुक आफ रिकार्ड्स में होगा शामिल!

रांची: देश आज स्वतंत्रता दिवस का 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. इससे पहले पीएम मोदी के अभियान हर घर तिरंगा को पूरे देश ने अपनाया. इससे संबंधित कई मनोरम तस्वीरें व वीडियो सामने आयी. आजादी के अमृत महोत्सव से पूर्व कुछ ऐसी ही तस्वीर झारखंड के बोकारो जिले से भी सामने आयी. रविवार को जोहार वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबा तिरंगा यात्रा निकाला गया.

देशभक्ति के रंग में रंगे दिखे सभी वर्ग
यह यात्रा चास से शुरू हुई और पहले नया मोड़ तक पहुंची. फिर वहां से गांधी चौक होते हुए आगे तक गई. क्या बच्चे क्या जवान व बुढ़े सभी देशभक्ति के रंग में रंगे दिखे. इस यादगार व ऐतिहासिक यात्रा में सैकड़ों छात्र, व्यवसायी व आम लोग शामिल हुए.

तिरंगा यात्रा का उद्देश्य
इस यात्रा के आयोजनकर्ता व जोहार वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष संजीव सिंह का दावा है कि इसे गिनीज़ बुक आफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज कराने के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे लंबा तिरंगा है. उन्होंने यह भी बताया कि इस यात्रा का एकमात्र उद्देश्य था लोगों में देश प्रेम को और जागृत करना. उन्होंने कहा- देश से बड़ा कुछ भी नहीं हो सकता है.

छतों या आंगन से ली यादगार तस्वीर
आपको बता दें कि यह तिरंगा यात्रा बोकारो के जिस भी क्षेत्र से गुजरा लोग देशभक्ति से ओत-प्रोत दिखे. संजीव सिंह ने बताया कि इसमें कई निजी स्कूल के साथ-साथ चास, बोकारो के व्यवसायी व ग्रामीणों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. पूरे दिन बोकारो में इसी यात्रा कि चर्चा होती दिखी. जहां-जहां से यात्रा गुजर रहा था लोग अपने छतों या आंगन से यादगार तस्वीर व सेल्फी लेते दिखें.

इस तिरंगे की खासियत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह तिरंगा झंडा 3500 मीटर लंबा था. और यात्रा में करीब 5000 से अधिक लोग शामिल थे. इस तिरंगे की सिलाई जैनामोड़ में आरके टेलरिंग का स्टाफ और पिन्ड्राजोरा के अशोक महतो ने की. इसे बनाने में कुल 14000 मीटर कपड़े लगे. और यदि पैसों की बात करें तो करीब 150000 रुपए खर्च इसकी सिलाई में खर्च हुए. जिसे बोकारो के 05 चौराहों तक पहुंचाया गया.