मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सीधे हस्तक्षेप के बाद दिल्ली में बंधक बनाए गए 26 बच्चों को मिली आजादी..

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली में बंधक बनाए गए 26 बच्चों को मुक्त करा कर झारखंड लाया जा रहा है, मानव तस्करी कर दिल्ली ले जाए गए झारखंड के 26 बालक और बालिकाओं को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सीधे हस्तक्षेप के बाद मुक्त करा कर झारखंड लाया जा रहा है। इससे पहले जुलाई में ही 21 बच्चों को मुक्त करा कर उनके परिजनों को सौंपा गया है। ये बच्चे झारखंड के साहेबगंज, पश्चिम सिंहभूम, गुमला, धनबाद, सिमडेगा और बोकारो जिले के थे। इस तरह जुलाई में कुल 47 बच्चों को मानव तस्करियों के चंगुल से छुड़ाया गया।

इन बच्चों को एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र झारखंड भवन, नई दिल्ली द्वारा स्थानिक आयुक्त मस्तराम मीणा के निर्देशानुसार दिल्ली के विभिन्न स्थानों से दिल्ली पुलिस के सहयोग से मुक्त कराया गया है। स्थानिक आयुक्त ने कहा कि झारखंड भेजे जा रहे बच्चों को जिले में संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ते हुए उनकी सतत निगरानी की जाएगी। एकीकृत पुनर्वास-सह-संसाधन केंद्र की अहम भूमिका मानव तस्करी के शिकार लोगों को मुक्त कराने से लेकर उनके पुनर्वास तक में रहती है।

बता दें कि केंद्र दिल्ली एनसीआर और सीमावर्ती राज्यों के बाल कल्याण समिति, बालगृहों और दिल्ली पुलिस के साथ लगातार संपर्क स्थापित कर मानव तस्करी के शिकार झारखंड राज्य के बच्चों को वापस उनके गृह जिला भेजने के लिए समर्पित है। एकत्रित पुनर्वास केंद्र के द्वारा 24 घंटे संचालित हेल्पलाइन नंबर 10582 है।

बता दें कि सभी बालक और बालिकाओं का एकीकृत पुनर्वास सह संस्थान केंद्र के कर्मियों के द्वारा परामर्श और गृह सत्यापन जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के माध्यम से कराया जाता है।

इस कार्य में आईआरआरसी शहंशाह अली खान, नोडल पदाधिकारी, पुनर्वास संस्थान केंद्र, नचिकेता मिश्रा, कार्यक्रम समन्वयक सुनील कुमार गुप्ता, परामर्शी निर्मला खलखो, प्रिंस कुमार, मंजू ठाकुर और राज्य द्वारा भेजे गए कोर टीम के सदस्य अशोक नायक, ओमप्रकाश तिवारी, अनमोल कुमारी, सुशीला मुंडी का अहम योगदान रहा है।