आयुष्मान भारत योजना में सूचीबद्ध 200 अस्पतालों ने योजना के तहत इलाज करना बंद किया..

रांची : आयुष्मान भारत के तहत सूचीबद्ध राज्य के अस्पतालों में 200 अस्पतालों ने योजना के तहत इलाज करना बंद कर दिया है। कई माह से इन अस्पतालों ने एक भी मरीज का इलाज इस योजना के तहत नहीं किया है। शनिवार को आयुष्मान भारत-समस्या एवं सही समाधान विषय पर आयोजित वेबिनार में यह बात सामने आई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि अस्पतालों को सूचीबद्ध करना फिर सूची से बाहर करना, अस्पतालों का शो कॉज करना और बाद में उसे माफ कर देना जांच का विषय है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई अस्पतालों ने जान बूझकर लटकाने और भुगतान में देरी की शिकायत की है। केंद्र से मिले 200 करोड़ रूपये का अभी तक उपयोग नहीं हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कई विषयों में झारखंड का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से काफी अच्छा है। उन्होंने 100% सरकारी अस्पतालों में मरीजों की स्क्रीनिंग का सुझाव दिया, ताकि आयुष्मान के लाभुक होने पर इस योजना के तहत उसका इलाज हो सके। इससे बीमा कंपनी से मिली राशि का उपयोग अस्पतालों के संरचनात्मक विकास में किया जा सकता है। इस दौरान झारखंड आरोग्य संस्था के कार्यकारी निदेशक भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि अस्पतालों के दो दो करोड़ रूपये तक का भुगतान बीमा कंपनी के पास लंबित है।

उन्होंने वेबिनार में ही कई अस्पतालों के लंबित मामले पर बीमा कंपनी के पदाधिकारियों से बात कर शीघ्र भुगतान करने का आदेश दिया। उन्होंने अस्पतालों को इसके लिए फटकार भी लगाई है। स्वास्थ्य विभाग के उच्च मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार आयुष्मान भारत के तहत कोविड मरीजों के इलाज के लिए पैकेज में संशोधन करने जा रही है। शीघ्र ही इस संबंध में केंद्र द्वारा आदेश जारी किया जाएगा। अब आयुष्मान भारत के तहत भी कोविड मरीजों के इलाज करने पर निजी या सरकारी अस्पतालों को अधिक राशि मिल सकेगी। यह राशि लगभग उतनी ही है, जितनी राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में इलाज के लिए अधिकतम राशि तय की है। अभी तक कई अस्पताल पैकेज कम होने के कारण कोरोना मरीजों का इलाज नहीं करते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

×