चतरा: टीकाकरण टारगेट पूरा करने पर मिलेगा 20 लाख का पुरस्कार..

झारखंड श्रम, नियोजन व प्रशिक्षण सह कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने राज्य में टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए अनोखी पहल की है। उन्होंने सूबे में सबसे ज्यादा टीकाकरण करने वाले पंचायतों को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। इस पहल के तहत टीकाकरण के शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने वाले पंचायत को संबंधित मुखिया की अनुशंसा पर 20 लाख रुपये की योजनाएं मंत्री जी अपनी निधि से देंगे। इसी प्रकार दूसरे स्थान पर रहने वाले पंचायत को पंद्रह लाख, तीसरे को दस लाख और चौथे को पांच लाख रुपये की योजनाएं आवंटित की जाएंगी।

मंत्री जी ने विश्वास जताया की चतरा जिला पूरे देश में आदर्श के रूप में सामने आएगा। यहां टीकों की कमी नहीं होने दी जा रही है। सांसद सुनील कुमार सिंह ने भी केंद्र से पूर्ण सहयोग का आश्वाशन दिया। उन्होंने कहा की लोगों के बीच व्याप्त वैक्सीन को ले कर भ्रांतियों को दूर करने के लिए काम किया जा रहा है। टीकाकरण के लिए टीम सुदूरवर्ती इलाकों में भी जा कर सभी लोगों को टीकाकरण सेवा उपलब्ध करा रही है। उन्होंने समाज के धर्मगुरुओं, पुजारी, इमाम, मौलवियों, पादरियों को इस अभियान में सहयोग के लिए आगे आने का निवेदन किया।

चतरा उपायुक्त दिव्यांशु कुमार ने बताया की चतरा जिला में ज्यादातर लोग वैक्सीन को ले कर काफी जागरूक हैं और टीकाकरण में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। चतरा जिला इसलिए भी राज्य की शान बन कर उभरा है क्योंकि यहां पर आवंटित टीकों से पाँच प्रतिशत अधिक टीकाकरण हुआ है। ऐसा होना चतरा जिला को वैक्सीन की न के बराबर बर्बादी के मामले में केरला राज्य के समकक्ष खड़ा कर देता है। ये झारखण्ड वासियों खासकर चतरा वासियों के लिए गर्व की बात है।

26 मई तक खुराकों की कुल संख्या 1,12,253 बताई गई है। सभी श्रेणियों के लिए कुल शीशियों की संख्या 1,28,050 है। ई-विन और फिजिकल स्टॉक मिलान करने के बाद कुल शेष खुराक की संख्या 20770 है जिसमें, 12,730 कोविशील्ड की खुराक और 8040 कोवैक्सिन की खुराक है। इसलिए संभावित खुराकों की कुल संख्या 1,07,280 है। स्पष्ट है कि टीकों का पांच प्रतिशत से अधिक इस्तेमाल हो रहा है।

टीकाकरण अभियान के विस्तार और उसको गति प्रदान करने हेतु उठाया गया यह कदम अत्यंत सराहनीय है एवं अन्य इलाकों में भी क्रियान्वित करने योग्य है। केंद्र को इसका संज्ञान लेना चाहिए। अधिक से अधिक आबादी को कम समय में टीका मिलने से लोग वापस अपनी आम जीवनी में लौट सकेंगे और देश कोरोना को हराने में कामयाबी हासिल कर पाएगा।