झारखंड में कोरोना का रफ्तार बढ़ने लगा है। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रखकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही है। इसी क्रम में राज्य में कोरोना जांच की सुविधा सर्वसुलभ बनाया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा राज्य के 14 जिलों में बीएसएल स्तर का कृत्रिम प्रयोगशाला स्थापित करने का फैसला लिया गया है। सरकारी स्तर पर खोले जा रहे सभी 14 कृत्रिम प्रयोगशाला का संचालन पीपीपी मोड पर प्रेझा फाउंडेशन के द्वारा किया जाएगा। 14 में से 10 के स्थापना का प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए आईसीएमआर को भेज दिया गया है। जबकि शेष चार के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही इनके अनुमति के लिए भी आईसीएमआर को पत्र भेजा जाएगा।
आईसीएमआर से अनुमति मिलने के बाद प्रयोगशाला के संचालन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सभी 14 आरटीपीसीआर प्रयोगशाला का निर्माण एम्स, रायपुर के संरक्षण में प्रेझा फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। सभी 14 जिलों में प्रेझा फाउंडेशन द्वारा पहले स्थल चयन किया गया। इसके बाद एम्स रायपुर ने चेक लिस्ट के अनुसार मानकों की जांच की। जांच के बाद 10 प्रयोगशाला की स्थापना अनुमति को आईसीएमआर को पत्र भेज दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के उच्च मुख्य सचिव अरुण कुमार सिन्हा के अनुसार राज्य में 14 मार्च 2020 से पहले कोरोना जांच की सुविधा नहीं थी। राज्य सरकार के सतत प्रयास से अभी 8 सरकारी कृत्रिम प्रयोगशाला कार्यरत है। अन्य 14 जिलों में सरकारी लाभ के संचालन का प्रयास किया जा रहा है।