उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ अंतर्गत ग्लेशियर टूटने से झारखंड के 11 मजदूरों की मौत हो गई, सात अन्य लोग घायल हो गए। ये सभी मजदूर सीमा सड़क संगठन, बीआरओ के कैंप में रह रहे थे। 23 अप्रैल की शाम ग्लेशियर टूटने से यह यह हादसा हुआ। पांच घायलों का उपचार जोशीमठ चिकित्सालय और 2 व्यक्तियों का उपचार देहरादून में हो रहा है। हादसे में सभी मृतक और घायल झारखंड के ही रहने वाले हैं। बता दें की झारखंड से पिछले साल लॉकडाउन की अवधि में ही हजारों की संख्या में श्रमिक बीआरओ के माध्यम से सीमा पर सड़क निर्माण कार्य में काम करने के लिए गए थे। ये सभी अधिकांश श्रमिक संताल परगना प्रमंडल के रहने वाले हैं। इसके अलावा आदिवासी बहुल खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, गुमला, लोहरदगा और लातेहार जिले से भी बड़ी संख्या में श्रमिक काम करने गए हैं।
चमोली जिले के जिलाधिकारी ने झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखकर घटना की सूचना दी है और बताया है कि किसी भी जानकारी के लिए आपदा प्रबंधन पदाधिकारी से कभी भी संपर्क किया जा सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस घटना को लेकर शोक प्रकट किया है। सीएम हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर अपने संदेश में लिखा- अत्यंत दुःखद! दुर्भाग्य से 23 अप्रैल को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से बीआरओ में काम कर रहे राज्य के अपने 11 वीर श्रमिकों को हमने खो दिया। यह हृदय विदारक घटना अत्यंत पीड़ा देने वाली है। परमात्मा वीर श्रमिकों की आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवारों को दुःख की विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे। मैं घायल हुए 7 श्रमिकों के भी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। झारखंड सरकार, उत्तराखंड सरकार के साथ संपर्क बनाकर हर संभव मदद पहुंचाने हेतु कार्य कर रही है।
अत्यंत दुःखद!
दुर्भाग्य से 23 अप्रैल को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से बीआरओ में काम कर रहे राज्य के अपने 11 वीर श्रमिकों को हमने खो दिया। यह हृदय विदारक घटना अत्यंत पीड़ा देने वाली है।
परमात्मा वीर श्रमिकों की आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवारों को + pic.twitter.com/V6D5HkT5bR— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 25, 2021
बर्फीले तूफान की चपेट में आकर मजदूरों की गई जान..
भारत-चीन सीमा पर सड़क बनाने का काम चल रहा है। यह काम बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेश ( BRO) की तरफ से किया जा रहा है। यहां एक कैंप बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया। यह घटना चीन की सीमा से सटे जोशीमठ सेक्टर के सुमना इलाके में हुई। 7 फरवरी को भी चमोली में ग्लेश्यिर फटने की वजह से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई थी। 60 से ज्यादा शव बरामद किए गए थे। सैकड़ों की संख्या में लोग लापता हुए थे।
मरने वाले मजदूर और उनके संबंधित जिले..
तारिणी सिंह (दुमका), मनोज ठंडर (दुमका), रोहित सिंह (दुमका), नियारण कंडुलना (खूंटी), पॉल कंडुलना, (खूंटी), हनुक कंडुलना (खूंटी), सगेन कंडुलना (खूंटी), मसीह दास मार्की (वेस्ट सिंहभूम), राहुल कुमार (दुमका), निर्मल सैंडिल (रांची), सुखराम मुंडा (रांची).
घायल श्रमिकों के नाम और संबंधित जिले..
राय कंडुलना (खूंटी), फिलिफ बरह (वेस्ट सिंहभूम), इन दोनों मजदूरों का देहरादून में इलाज चल रहा है.वहीं जोशीमठ हॉस्पिटल में जिन 5 मजदूरों का इलाज चल रहा है उनका नाम और संबंधित जिले हैं – महेंद्र मुंडा (खूंटी), अनुज टोपनो (वेस्ट सिंहभूम), संजय कंडुलना (खूंटी), कल्याण मार्की (वेस्ट सिंहभूम), मंगलदास पाहन (खूंटी).